भारत ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के कई हिस्सों में देखा जा रहा विरोध प्रदर्शन इस्लामाबाद के ‘‘जबरन और अवैध कब्जे'' वाले क्षेत्र से संसाधनों की प्रणालीगत लूट की पाकिस्तान की निरंतर चली आ रही नीति का ‘‘स्वाभाविक परिणाम'' है.
इसने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संपूर्ण केंद्र शासित प्रदेश ‘‘भारत के अभिन्न अंग थे, हैं, और हमेशा रहेंगे''. पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और भोजन, ईंधन तथा अन्य आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को लेकर पीओके में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अपने साप्ताहिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘हमने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन की रिपोर्ट देखी है.'' वह पीओके में विरोध प्रदर्शन पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे.
जायसवाल ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि यह इन क्षेत्रों से संसाधनों की प्रणालीगत लूट की पाकिस्तान की निरंतर नीति का एक स्वाभाविक परिणाम है जो उसके जबरन और अवैध कब्जे में हैं.''
उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी शोषणकारी नीतियां स्थानीय लोगों को उनके अपने संसाधनों पर अधिकार और उनके लाभों से वंचित करती हैं.'' जायसवाल ने कहा, ‘‘हम दोहराते हैं कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संपूर्ण केंद्र शासित प्रदेश भारत के अभिन्न अंग थे, हैं, और हमेशा रहेंगे.''
दो दिन पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत का हिस्सा था, है, और हमेशा रहेगा.
इस महीने की शुरुआत में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत पीओके पर अपना दावा कभी नहीं छोड़ेगा लेकिन उसे बलपूर्वक इस पर कब्जा नहीं करना पड़ेगा क्योंकि कश्मीर में विकास को देखने के बाद वहां के लोग खुद ही भारत का हिस्सा बनना चाहेंगे. रक्षा मंत्री ने कहा था, ‘‘पीओके हमारा था, है, और हमारा रहेगा.''
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