नई दिल्ली:
पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल का पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद थे।
प्रार्थना सभा और 21 बंदूकों की सलामी के साथ उनके पार्थिव शरीर का यमुना किनारे स्मृति स्थल में दाह संस्कार किया गया, जहां उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद थीं। स्मृति स्थल देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समाधि स्थल शांति वन और लाल बहादुर शास्त्री के समाधि स्थल विजय घाट के बीच स्थित है।
पूर्व प्रधानमंत्री गुजराल के सम्मान में 6 दिसंबर तक 7 दिन का राष्ट्रीय शोक रखा गया है। शनिवार को सभी सरकारी दफ्तर दोपहर 1:30 बजे बंद कर दिए गए।
सुबह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गुजराल को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। उनके अलावा सीताराम येचुरी और फारुख अब्दुल्ला भी वहां मौजूद थे। गुजराल का 92 साल की उम्र में संक्षिप्त बीमारी के बाद शुक्रवार को गुड़गांव के पास स्थित एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी आज सुबह गुजराल के घर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी। मनमोहन ने अपने संदेश में कहा, गुजराल के दुखद निधन से, हमारे देश ने एक स्वतंत्रता सेनानी, महान देशभक्त और अत्यंत विद्वान राजनेता खो दिया है। मैं भारत के महान बेटे के निधन पर देश की ओर से गहरा शोक व्यक्त करता हूं।
स्मृति स्थल में पूर्व प्रधानमंत्री के दो बेटों और पोते ने संयुक्त रूप से उन्हें मुखाग्नि दी। उनके एक पुत्र नरेश गुजराल अकाली दल सांसद हैं। रक्षा मंत्री एके एंटनी, गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा, विधि मंत्री अश्वनी कुमार, फारूक अब्दुल्ला, जयपाल रेड्डी, बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी और अरुण जेटली, पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, इनलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला, लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान, अमर सिंह और कुछ वरिष्ठ नौकरशाह अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
विभिन्न देशों के राजनयिक भी इस मौके पर मौजूद थे। राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सोनिया गांधी, एंटनी, शिंदे, बादल, आडवाणी, जितेंद्र सिंह (राज्यमंत्री) और अन्य लोगों ने गुजराल के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किया। तिरंगे में लिपटे गुजराल के पार्थिव शरीर को पांच जनपथ स्थित उनके आवास से स्मृति स्थल लाया गया। उनका पार्थिव शरीर फूलों से सजे एक वाहन से स्मृति स्थल ले जाया गया। साथ में सैन्यकर्मी और करीबी रिश्तेदार भी थे। सशस्त्र सेना के तीनों अंगों के अधिकारी गुजराल के पार्थिव शरीर को दाह संस्कार स्थल तक लेकर गए।
प्रार्थना सभा और 21 बंदूकों की सलामी के साथ उनके पार्थिव शरीर का यमुना किनारे स्मृति स्थल में दाह संस्कार किया गया, जहां उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद थीं। स्मृति स्थल देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समाधि स्थल शांति वन और लाल बहादुर शास्त्री के समाधि स्थल विजय घाट के बीच स्थित है।
पूर्व प्रधानमंत्री गुजराल के सम्मान में 6 दिसंबर तक 7 दिन का राष्ट्रीय शोक रखा गया है। शनिवार को सभी सरकारी दफ्तर दोपहर 1:30 बजे बंद कर दिए गए।
सुबह प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, गुजराल को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। उनके अलावा सीताराम येचुरी और फारुख अब्दुल्ला भी वहां मौजूद थे। गुजराल का 92 साल की उम्र में संक्षिप्त बीमारी के बाद शुक्रवार को गुड़गांव के पास स्थित एक निजी अस्पताल में निधन हो गया था।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी आज सुबह गुजराल के घर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी। मनमोहन ने अपने संदेश में कहा, गुजराल के दुखद निधन से, हमारे देश ने एक स्वतंत्रता सेनानी, महान देशभक्त और अत्यंत विद्वान राजनेता खो दिया है। मैं भारत के महान बेटे के निधन पर देश की ओर से गहरा शोक व्यक्त करता हूं।
स्मृति स्थल में पूर्व प्रधानमंत्री के दो बेटों और पोते ने संयुक्त रूप से उन्हें मुखाग्नि दी। उनके एक पुत्र नरेश गुजराल अकाली दल सांसद हैं। रक्षा मंत्री एके एंटनी, गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा, विधि मंत्री अश्वनी कुमार, फारूक अब्दुल्ला, जयपाल रेड्डी, बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी और अरुण जेटली, पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल, हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा, इनलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला, लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान, अमर सिंह और कुछ वरिष्ठ नौकरशाह अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
विभिन्न देशों के राजनयिक भी इस मौके पर मौजूद थे। राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सोनिया गांधी, एंटनी, शिंदे, बादल, आडवाणी, जितेंद्र सिंह (राज्यमंत्री) और अन्य लोगों ने गुजराल के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित किया। तिरंगे में लिपटे गुजराल के पार्थिव शरीर को पांच जनपथ स्थित उनके आवास से स्मृति स्थल लाया गया। उनका पार्थिव शरीर फूलों से सजे एक वाहन से स्मृति स्थल ले जाया गया। साथ में सैन्यकर्मी और करीबी रिश्तेदार भी थे। सशस्त्र सेना के तीनों अंगों के अधिकारी गुजराल के पार्थिव शरीर को दाह संस्कार स्थल तक लेकर गए।
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