राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के चार साल पूरे हो रहे हैं. सचिन बनाम गहलोत से जूझ रही प्रदेश कांग्रेस को अगले साल चुनाव में भी जाना है. ऐसे में गहलोत सरकार को सबसे ज़्यादा उम्मीद राजस्थान की स्वास्थ्य बीमा योजना 'चिरंजीवी' से है. राज्य में अब तक 27 लाख से भी ज़्यादा मरीज़ इस योजना का लाभ ले चुके हैं. सीएम अशोक गहलोत ने भी इसकी खुलकर तरीफ की है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये योजना बहुत अच्छी है, इसमें 10 लाख का स्वास्थ्य बीमा है और अगर ट्रांसप्लांट हुआ तो अलग से पैसा दिया जाएगा. साथ ही साथ अगर हादसे में मौत होती है, तो 5 लाख रूपये भी दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं तो ये कहता हूं कि पूरे देश को 'चिरंजीवी' योजना अपनानी चाहिए.
इस योजना से फायदा लेने वालों में से आहद अली का भी नाम है. एक साल का आहद जब पैदा हुआ था तो वो दिल की गंभीर बीमारी से ग्रसित था. हालत इतनी ख़राब हो चुकी थी कि बच्चे का बचना मुश्किल हो रहा था. डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे को बचाने के लिए दिल का महंगा ऑपरेशन करना पड़ेगा. परिवार राजस्थान सरकार की चिरंजीवी योजना के तहत पंजीकृत था, तो आहद की कोटा के एक निजी अस्पताल में मुफ़्त सर्जरी हुई और अब वो स्वस्थ है.
आहद की दादी ने बताया कि इसका पूरा शरीर नीला पड़ गया था. डॉक्टरों ने बताया कि ऑपरेशन करना पड़ेगा, फिर हम डॉक्टर साहब के पास आए और इसका ऑपरेशन कराया. हमें एक रूपये भी नहीं देने पड़े, हमारे पास पैसे नहीं थे, हम ग़रीब थे.
वहीं 67 साल की शुगना बाई को नसों की गंभीर बिमारी थी. बार-बार चक्कर खाकर गिर रहीं थीं. किसान परिवार ने निजी अस्पताल में दिखाया तो निजी अस्पताल ने बताया कि सर्जरी करनी होगी, जिसके लिए 3.5 लाख रूपये लगेंगे परिवार के पास पैसे नहीं थे. किसी तरह शुगना बाई का कोटा मेडिकल कॉलेज में दाख़िला हुआ और शुगना की सर्जरी भी चिरंजीवी योजना के तहत मुफ़्त हुई है.
शुगना के बेटे ने बताया कि निजी अस्पताल में 3 से 3.5 लाख रूपये मांग रहे थे, लेकिन हम यहां लाए तो मुफ़्त इलाज हुआ अब मम्मी ठीक हैं. एक दो दिन में डिस्चार्ज हो जाएंगी दवाईयों के पैसे भी नहीं देने पड़े.
ऐसे में गहलोत सरकार को लगता है कि चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना उनके लिए चुनाव में 'रामबाण' साबित हो सकती है.
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