कोलकाता:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कोलकाता में तीन समाजिक सुरक्षा योजनाएं शुरू कीं। गुरुदेव रबिंद्रनाथ टैगोर की 150वीं जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री ने इन योजनाओं को शुरू करने के लिए कोलकाता को चुना। इस दौरान मंच पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद थीं।
ममता बनर्जी हमेशा से ही गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर की बहुत बड़ी प्रशंसक रही हैं और यह बात सभी जानते हैं। उनके भाषण में भी गुरुदेव की कई पंक्तियां थीं। लेकिन उनकी चाहत थी कि केंद्र सरकार राज्य के समूचे कर्ज को माफ कर दे। इस दौरान उन्होंने नई समाजिक सुरक्षा योजनाएं शुरू करने के लिए एक बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया नहीं किया, बल्कि उन्होंने बीमा सेक्टर को इसके लिए धन्यवाद दिया।
उसके बाद राज भवन में हुई बैठक में प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत तौर पर हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि वह राज्य पर 2.74 लाख करोड़ रुपये के कर्ज के बोझ को पूरी तरह माफ करें।
बनर्जी ने शनिवार शाम कोलकाता के राज भवन में बैठक के दौरान प्रधानमंत्री को सौंपे गए एक पत्र में कहा, 'राज्य की आम जनता की वृद्धि, विकास और सशक्तीकरण के लिए मैं आपसे एक बार फिर अनुरोध करती हूं कि आप राज्य को पूर्ण कर्ज माफी दें, ताकि यह कर्ज के जाल से बच सके।' मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा, 'वित्तीय वर्ष 2014-15 के अंत तक कुल कर्ज तकरीबन 2,74,800.12 करोड़ रुपये होगा।' यह पत्र उन्होंने आधे घंटे की बैठक के दौरान स्वयं अपने हाथों से प्रधानमंत्री को सौंपा।
उन्होंने कहा, 'मौजूदा सरकार ने सत्ता में आने के बाद 82,964.5 करोड़ का कर्ज लिया है। इसमें से 76346.78 करोड़ रुपये पिछली सरकार द्वारा लिए गए कर्ज को चुकाने की खातिर लिए गए।' उन्होंने कहा, 'राज्य की बेहद कर्ज के बोझ तले दबे होने की हालत के मद्देनजर पश्चिम बंगाल पूर्ववर्ती वाम मोर्चा सरकार द्वारा छोड़े गए कर्ज के बोझ के कारण ऋण जाल में फंसा हुआ है।' बनर्जी ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए वित्तपोषण को बहाल करने की भी मांग की। इसके बारे में उन्होंने कहा कि इसमें भारी कटौती की गई है।
उन्होंने अपने द्वारा उठाए गए मुद्दों पर प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने की मांग की और राज्य और देश की आम जनता के हित में जल्द कार्रवाई करने का उनसे अनुरोध किया।
इससे पहले बैंकिंग सेवाओं से वंचित 15 करोड़ लोगों को बैंकों से जोड़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामाजिक सुरक्षा देने वाली तीन महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की और कहा कि गरीबों को सहायता की नहीं बल्कि सशक्त बनाने की जरूरत है। इस अवसर पर उनके साथ उनकी कटु आलोचक ममता बनर्जी भी थीं।
प्रधानमंत्री ने जिन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की शुरुआत की, उनमें दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर देने वाली प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना भी शामिल है, जिसका प्रीमियम मात्र 12 रुपये वार्षिक है। अन्य दो योजनाओं में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और अटल पेंशन योजना शामिल है।
मोदी ने कहा कि चार महीने में 15 करोड़ जनधन खाते खोले गए, जिसमें 15,800 करोड़ रुपये जमा हैं। साथ ही रसोई गैस सब्सिडी सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में डाले जाने से सब्सिडी का दुरुपयोग रुका है। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, 'मैंने गरीबों से कहा है, यह देश, यह सरकार और हमारे बैंक आपके लिए है। गरीब सहारा नहीं चाहते हैं। हम जिस तरीके से सोचते हैं, उसमें बदलाव लाने की जरूरत है। गरीबों को शक्ति चाहिए।' इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद थी।
मोदी ने कहा कि देश में 80-90 प्रतिशत लोगों के पास बीमा कवर नहीं है और न ही पेंशन की कोई संभावना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि तीनों योजनाएं एक जून से अमल में आएगी और इस दिशा में आगे बढ़ते हुए पहले सात दिन में बैंकों ने 5.05 करोड़ लोगों का पंजीकरण किया है इसमें 42 लाख लोग पश्चिम बंगाल के हैं।
इन तीन योजनाओं 'प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना', 'प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना' और 'अटल पेंशन योजना' एक साथ देशभर में 115 स्थानों पर शुरू की गई।
ममता बनर्जी हमेशा से ही गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर की बहुत बड़ी प्रशंसक रही हैं और यह बात सभी जानते हैं। उनके भाषण में भी गुरुदेव की कई पंक्तियां थीं। लेकिन उनकी चाहत थी कि केंद्र सरकार राज्य के समूचे कर्ज को माफ कर दे। इस दौरान उन्होंने नई समाजिक सुरक्षा योजनाएं शुरू करने के लिए एक बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया नहीं किया, बल्कि उन्होंने बीमा सेक्टर को इसके लिए धन्यवाद दिया।
उसके बाद राज भवन में हुई बैठक में प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत तौर पर हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए ममता बनर्जी ने नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि वह राज्य पर 2.74 लाख करोड़ रुपये के कर्ज के बोझ को पूरी तरह माफ करें।
बनर्जी ने शनिवार शाम कोलकाता के राज भवन में बैठक के दौरान प्रधानमंत्री को सौंपे गए एक पत्र में कहा, 'राज्य की आम जनता की वृद्धि, विकास और सशक्तीकरण के लिए मैं आपसे एक बार फिर अनुरोध करती हूं कि आप राज्य को पूर्ण कर्ज माफी दें, ताकि यह कर्ज के जाल से बच सके।' मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा, 'वित्तीय वर्ष 2014-15 के अंत तक कुल कर्ज तकरीबन 2,74,800.12 करोड़ रुपये होगा।' यह पत्र उन्होंने आधे घंटे की बैठक के दौरान स्वयं अपने हाथों से प्रधानमंत्री को सौंपा।
उन्होंने कहा, 'मौजूदा सरकार ने सत्ता में आने के बाद 82,964.5 करोड़ का कर्ज लिया है। इसमें से 76346.78 करोड़ रुपये पिछली सरकार द्वारा लिए गए कर्ज को चुकाने की खातिर लिए गए।' उन्होंने कहा, 'राज्य की बेहद कर्ज के बोझ तले दबे होने की हालत के मद्देनजर पश्चिम बंगाल पूर्ववर्ती वाम मोर्चा सरकार द्वारा छोड़े गए कर्ज के बोझ के कारण ऋण जाल में फंसा हुआ है।' बनर्जी ने केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए वित्तपोषण को बहाल करने की भी मांग की। इसके बारे में उन्होंने कहा कि इसमें भारी कटौती की गई है।
उन्होंने अपने द्वारा उठाए गए मुद्दों पर प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करने की मांग की और राज्य और देश की आम जनता के हित में जल्द कार्रवाई करने का उनसे अनुरोध किया।
इससे पहले बैंकिंग सेवाओं से वंचित 15 करोड़ लोगों को बैंकों से जोड़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामाजिक सुरक्षा देने वाली तीन महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की और कहा कि गरीबों को सहायता की नहीं बल्कि सशक्त बनाने की जरूरत है। इस अवसर पर उनके साथ उनकी कटु आलोचक ममता बनर्जी भी थीं।
प्रधानमंत्री ने जिन सामाजिक सुरक्षा योजनाओं की शुरुआत की, उनमें दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर देने वाली प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना भी शामिल है, जिसका प्रीमियम मात्र 12 रुपये वार्षिक है। अन्य दो योजनाओं में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और अटल पेंशन योजना शामिल है।
मोदी ने कहा कि चार महीने में 15 करोड़ जनधन खाते खोले गए, जिसमें 15,800 करोड़ रुपये जमा हैं। साथ ही रसोई गैस सब्सिडी सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में डाले जाने से सब्सिडी का दुरुपयोग रुका है। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, 'मैंने गरीबों से कहा है, यह देश, यह सरकार और हमारे बैंक आपके लिए है। गरीब सहारा नहीं चाहते हैं। हम जिस तरीके से सोचते हैं, उसमें बदलाव लाने की जरूरत है। गरीबों को शक्ति चाहिए।' इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद थी।
मोदी ने कहा कि देश में 80-90 प्रतिशत लोगों के पास बीमा कवर नहीं है और न ही पेंशन की कोई संभावना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि तीनों योजनाएं एक जून से अमल में आएगी और इस दिशा में आगे बढ़ते हुए पहले सात दिन में बैंकों ने 5.05 करोड़ लोगों का पंजीकरण किया है इसमें 42 लाख लोग पश्चिम बंगाल के हैं।
इन तीन योजनाओं 'प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना', 'प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना' और 'अटल पेंशन योजना' एक साथ देशभर में 115 स्थानों पर शुरू की गई।
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