विज्ञापन
This Article is From May 29, 2019

एमपी के CM कमलनाथ को झटका, उनके परिवार के बिजनेस स्कूल IMT पर गिरी गाज, 10,841 गज जमीन का आवंटन रद्द

गाजियाबाद नगर निगम में बीजेपी के पार्षद राजेंद्र त्यागी की शिकायत पर ये कार्रवाई की गई है. यह बिजनेस स्कूल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के परिवार का है.

एमपी के CM कमलनाथ को झटका, उनके परिवार के बिजनेस स्कूल IMT पर गिरी गाज, 10,841 गज जमीन का आवंटन रद्द
नई दिल्ली:

देश के नामी बिजनेस स्कूल IMT गाजियाबाद की मुश्किलें बढ़ गई हैं. गाजियाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी ने इस इंस्टीट्यूट को मिली 10,841 गज जमीन का आवंटन रद्द कर दिया है. गाजियाबाद नगर निगम में बीजेपी (BJP) के पार्षद राजेंद्र त्यागी की शिकायत पर ये कार्रवाई की गई है. यह बिजनेस स्कूल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) के परिवार का है. कमलनाथ के छोटे बेटे बकुल नाथ इसकी गवर्निंग काउंसिल के प्रेसिडेंट है. बीजेपी पार्षद और इस मामले में शिकायतकर्ता राजेन्द्र त्यागी ने कहा, 'मैंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तर प्रदेश के राज्यपाल से शिकायत की थी. जिस जमीन पर आईएमटी गाजियाबाद बना हुआ है, वह आईएमटी की नहीं है. वो किसी और की है. आईएमटी ने आवंटित भूमि 54049 गज से ज्यादा जमीन पर कब्जा किया हुआ है जो लगभग 10,841 वर्ग गज है. मेरी शिकायत पर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने आवंटन रद्द कर दिया है. उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है कि इस मामले की सीबीआई जांच कराई जाए. राज्यपाल राम नाईक के निर्देशों का संज्ञान लेते हुए चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी मेरठ ने 4 सदस्य जांच समिति का गठन किया है जो यह जांच करेगी कि जिस जमीन पर लाजपत राय डिग्री कॉलेज साहिबाबाद बनना था उस जमीन पर आईएमटी का कब्जा क्यों है.'

ये भी पढ़ें: कमलनाथ की बढ़ी मुश्किलें: रिश्तेदारों और करीबी सहयोगियों को तलब करेगा आयकर विभाग

वहीं आईएमटी गाजियाबाद का कहना है कि उसके साथ नाइंसाफी की जा रही है. जमीन के पेमेंट को लेकर एक विवाद है शायद उस जमीन का भुगतान आईएमटी गाजियाबाद नहीं कर पाया और गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को लीज डीड और भुगतान की रसीद नहीं दिखा पाया जिसके बाद ये गलत फैसला लिया गया है. आईएमटी गाजियाबाद का कहना है कि वो अब कोर्ट जाएंगे. IMT गाजियाबाद के डायरेक्टर ए के भट्टाचार्य ने कहा, 'जमीन आवंटन रद्द होना गलत है. जमीन के पेमेंट को लेकर विवाद है, हम लीज डीड जीडीए को नहीं दिखा पाए. इस बारे में आखिरी बार बात 1994 में हुई थी. उस समय जीडीए ने हमको कहा था कि 15 दिन के अंदर अगर पैसा नहीं दिया जाएगा तो अलॉटमेंट रद्द कर दिया जाएगा. जबकि आवंटन 20 साल तक रद्द नहीं हुआ. अचानक यह कहना कि आपका अलॉटमेंट रद्द है यह गलत बात है. क्योंकि यहां पर एक शैक्षिक संस्थान चल रहा है जो कि अपने आप में बहुत ऊंचा माना जाता है. जीडीए की भी गलती है कि उन्होंने 1994 के बाद फॉलोअप क्यों नहीं किया. न्याय संगत बात होनी चाहिए.'

ये भी पढ़ें: मध्यप्रदेश कांग्रेस नेतृत्व में बदलाव की मांग, तीन मंत्रियों ने कमलनाथ की जगह इस नेता के पक्ष में आवाज बुलंद की

भट्टाचार्य ने कहा, 'जीडीए के पास भी ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे पता चले कि 1994 के बाद उन्होंने कोई नोटिस दिया. अगर पेमेंट नहीं हुआ तो आईएमटी जरूर पेमेंट करेगी. हम लोग इंतजार कर रहे थे कि जीडीए से पेमेंट के लिए नोटिस आएगा लेकिन हमें मीडिया से पता चला कि आवंटन ही रद्द कर दिया है. अभी तक हमें कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है. हमें कानून पर भरोसा है, हम कोर्ट जाएंगे. जीडीए को जमीन वापस नहीं लेने देंगे. 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com