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This Article is From May 14, 2017

VVPAT मशीन को लेकर भी दिल में कोई सवाल है, तो इस खबर को जरूर पढ़ें

पर्ची एटीएम से निकलने वाले थर्म प्रिंटर जैसी है. क्या इसकी स्याही मिट नहीं जाएगी और क्या बाद में विवाद के निपटारे के वक्त अगर पर्चियां ठीक से नहीं पढ़ी गई तो मुश्किल नहीं होगी?

VVPAT मशीन को लेकर भी दिल में कोई सवाल है, तो इस खबर को जरूर पढ़ें
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने शुक्रवार को ऐलान किया कि अब देश में कोई चुनाव ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीन लगाए बिना नहीं होगा. यानी हर वोटर को दिखाई देगा कि उसने जिस उम्मीदवार को वोट डाला उसे वह वोट गया या नहीं, लेकिन वीवीपैट मशीन से जुड़े कुछ सवाल भी हैं जो कई लोग उठा रहे हैं.

किस तरह के सवाल उठ रहे हैं-
क्या गारंटी है कि जिस व्यक्ति को वोट जाते हुए दिखे वोट उसी को पड़ा है?
अगर कोई व्यक्ति कहे कि उसने वोट जिसे डाला पर्ची में उसका नहीं किसी और का नाम था?
पर्ची एटीएम से निकलने वाले थर्म प्रिंटर जैसी है. क्या इसकी स्याही मिट नहीं जाएगी और क्या बाद में विवाद के निपटारे के वक्त अगर पर्चियां ठीक से नहीं पढ़ी गई तो मुश्किल नहीं होगी? यह सवाल बिल्कुल जायज और तर्कपूर्ण सवाल हैं और इनके निबटारे के लिए चुनाव प्रणाली में व्यवस्था है.
 

वीवीपैट की पर्ची पर दिख रही जानकारी की प्रामाणिकता के लिए आयोग ने तय किया है कि हर सीट पर कुछ वीवीपैट मशीनों की पर्चियों और ईवीएम काउंटिंग का मिलान किया जाएगा. इस बारे में शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने बयान दिया. आयोग ने अभी यह प्रतिशत तय नहीं किया लेकिन शुक्रवार को हुई सर्वदलीय बैठक में जहां सीपीएम ने 15 प्रतिशत वीवीपैट मशीनों की पर्चियों को गिनने की बात की वहीं आम आदमी पार्टी ने 25 प्रतिशत वीवीपैट पर्चियों को गिनने की बात की है.

अगर कोई व्यक्ति चुनाव के दौरान वीवीपैट की पर्ची में अलग व्यक्ति का नाम आने की बात करता है तो चुनाव अधिकारी उस वोटर से पहले एक हलफनामा भरवाएंगे. वोटर को बताया जाएगा कि सूचना गलत होने उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही का प्रावधान है फिर चुनाव अधिकारी सभी पोलिंग एजेंटों के सामने एक रेंडम-टेस्ट वोट डालेंगे. जिसे बाद में मतगणना के वक्त घटा दिया जाएगा. इस वोट से वोटर के दावे की सच्चाई पता चल सकेगी.  

वीवीपैट में जो प्रिंटर इस्तेमाल होता है. वह काफी उम्दा क्वालिटी का है और उससे छपी पर्चियों पर स्याही कई साल तक नहीं मिटती. प्रिंटर में एक खास सेंसर भी है जो खराब क्वालिटी की पर्ची आने पर प्रिंटिंग नहीं करता. वीवीपैट ईवीएम से होने वाली वोटिंग में एक मोड़ है जो प्रामाणिकता और पारदर्शिता लाता है और इसलिए उन सवालों के जवाब जरूरी हैं जो वीवीपैट को लेकर पूछे जा रहे हैं.

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