ईमानदार छवि वाले आईएएस अधिकारी डीके रवि की मौत के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कर्नाटक की कांग्रेस सरकार से इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की सलाह दी है। पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने बताया कि सोनिया ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को रवि की मौत की जांच सीबीआई को सौंपने को कहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष की इस सलाह के बाद राज्य के गृह विभाग में जारी हलचल से पता चल रहा है कि जल्द ही वह इस मामले को सीबीआई के सुपुर्द कर देगी। इस मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से कर्नाटक में प्रदर्शन चल रहे हैं। वहां विपक्ष ने विधानसभा का कामकाज भी ठप कर रखा है और सदन सोमवार तक स्थगित है। इधर केंद्र सरकार भी कह चुकी है कि अगर राज्य सरकार सिफ़ारिश करती है तो उसे सीबीआई जांच कराने में कोई ऐतराज़ नहीं है।
वहीं दूसरी तरफ सीआईडी इस मामले की शुरुआती रिपोर्ट तैयार करने में जुटी है। मोबाइल फ़ोन, लैपटॉप और संचार के दुसरे माध्यमों से मिली जानकारी और मौका-ए-वारदात से मिले सबूतों के आधार पर सीआईडी भी इसे आत्महत्या का मामला मान रही है। इसी लिए पुलिस की तरह ही इसने भी मामला सीआरपीसी की धारा 174 के तहत दर्ज किया किया है, ना कि आईपीसी की धरा 302 के तहत जो कि हत्या के मामले में लगाया जाता है।
आत्महत्या से ठीक पहले रवी ने अपनी एक महिला मित्र को जो मेसेज भेजा था उसे पुलिस इलेक्ट्रॉनिक सुसाइड नोट मान रही है। पुलिस की थ्योरी है कि एक बेहद निजी मामले में पूरी तरह नाकामयाब होने पर डीके रवि ने आवेश में आकर आत्महत्या कर ली।
पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों और फॉरेंसिक जांच से जुड़े विशेषज्ञों के मुताबिक, फांसी लगाकर जब खुदकुशी की जाती है, तब उसके कुछ पैरामीटर्स होते हैं और डीके रवि के मामले में ये सटीक बैठते हैं, इसलिए इसमें कोई दो राय नहीं कि रवि ने आत्महत्या की।
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