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दिल्‍ली में ट्रैफिक जाम पर कैसे लगेगी लगाम, स्‍पेशल पुलिस कमिश्‍नर अजय चौधरी ने NDTV को बताया

NDTV मुहिम: ट्रैफिक जाम खत्‍म करने के सबसे कारगर उपाय क्‍या हो सकते हैं? अजय चौधरी बताते हैं कि दिल्‍ली में वाहनों की संख्‍या लगातार बढ़ती जा रही है. जाम लगने की सबसे बड़ी समस्‍या यही है.

दिल्‍ली में ट्रैफिक जाम पर कैसे लगेगी लगाम, स्‍पेशल पुलिस कमिश्‍नर अजय चौधरी ने NDTV को बताया
दिल्‍ली में लगभग 1 करोड़ 30 लाख गाड़ियां...
नई दिल्‍ली:

दिल्‍ली में ट्रैफिक जाम एक ऐसी समस्‍या है, जिससे सभी को दो-चार होना पड़ता है. कोई कार में हो या डीटीसी बस में, चलना तो उसे सड़क पर ही पड़ता है. दिल्‍ली की सड़कों पर जाम 24x7 रहता है. दिल्‍ली में ट्रैफिक जाम की समस्‍या पर लगाम कैसे लगाई जा सकती है?  क्‍या कानून की अनदेखी की आदत ट्रैफिक जाम में दिखाई पड़ती है? इन सवालों का जवाब हमने NDTV की खास मुहिम के तहत दिल्‍ली पुलिस के स्‍पेशल कमिश्‍नर अजय चौधरी से जानना चाहा. उन्‍होंने बताया कि आखिर कैसे दिल्‍ली के ट्रैफिक से लोगों को छुटकारा दिलाने की दिशा में काम किया जा सकता है.  

दिल्‍ली में लगभग 1 करोड़ 30 लाख गाड़ियां

दिल्‍ली के स्‍पेशल पुलिस कमिश्‍नर ने बताया, 'दिल्‍ली के ट्रैफिक को कंट्रोल करना बेहद चुनौती भरा काम है. दिल्‍ली के गाड़ियों की संख्‍या लगभग 1 करोड़ 30 लाख के ऊपर पहुंच गई और हर दिन नई गाड़ियों का रजिस्‍ट्रेशन होता है. ऐसे में दिल्‍ली के वाहनों की संख्‍या लगातार बढ़ती जा रही है. ट्रैफिक के लिहाज से बात करें तो आप सिर्फ दिल्‍ली की गाड़ियों की संख्‍या के आधार पर इसे मैनेज नहीं कर सकते हैं. दरअसल ,नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद, फरीदाबाद और आसपास के जिले, दिल्‍ली से जुड़े हुए हैं. इन सबको मिलाकर देखें तो एक बड़े राज्‍य की जितनी आबादी यहां है. इस चुनौती का सामना करने के लिए हमारे पास 5000 ट्रैफिक कर्मी हैं, जो 24x7 दिल्‍ली के ट्रैफिक को मैनेज करने में जुटे रहते हैं.' 

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दिल्‍ली की ट्रैफिक समस्‍या...  

  • दिल्‍ली में एक करोड़ 30 लाख गाड़ियां
  • हर दिन दिल्‍ली में सैकड़ों नई गाड़ियां रजिस्‍टर हो रही हैं. 
  • दिल्‍ली के साथ ही एनसीआर के क्षेत्र भी इससे जुड़े हुए हैं. 
  • 5000 से ज्‍यादा ट्रैफिक पुलिस कर्मी हैं, जो ट्रैफिक को कंट्रोल करने में जुटे हुए हैं. 
  • दिल्‍ली ट्रैफिक पुलिस की ओर से ओवरस्‍पीडिंग रोकने के लिए 334 जगहों पर कैमरे.   

ट्रैफिक मैनेज के लिए टेक्‍नोलॉजी का भी सहारा 

अजय चौधरी ने बताया, 'दिल्‍ली के ट्रैफिक को मैनेज करने के लिए हम टेक्‍नोलॉजी का भी सहारा लेते हैं. आज ज्‍यादा रेडलाइट्स पर हमारे कैमरे लगे हुए हैं, जो सभी गाडि़यों की निगरानी रखते हैं. इसके अलावा 334 ऐसी जगह हैं, जिन पर हमने ओवर स्‍पीडिंग और रेडलाइट जंप करने वाली गाडि़यों के चालान काटने के लिए स्‍पेशल कैमरे लगाए हुए हैं. नियमों का उल्‍लंघन करने वालों पर इन कैमरों से नजर रखी जाती है. कैमरों के लगने के बाद लोगों में डर तो आया है, लेकिन अभी समस्‍या सुलझी नहीं है.'      

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गाड़ियां बढ़ती जा रहीं, लेकिन 25 साल से सड़कें नहीं बढ़ीं!

ट्रैफिक जाम खत्‍म करने के सबसे कारगर उपाय क्‍या हो सकते हैं? अजय चौधरी बताते हैं, 'देखिए, दिल्‍ली में वाहनों की संख्‍या लगातार बढ़ती जा रही है. जाम लगने की सबसे बड़ी समस्‍या यही है. दिल्‍ली में 1 करोड़ 30 लाख गाडि़यां हैं और महाराष्‍ट्र, मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान, यूपी, पंजाब, हिमाचल, उत्‍तराखंड से लगातार वाहन देश की राजधानी में आते हैं. दिल्‍ली की सड़के उतनी ही हैं, जितनी 20-25 साल पहले थीं. इन सड़कों के विस्‍तार के लिए जगह उपलब्‍ध नहीं है. हालांकि, पीडब्‍ल्‍यूडी और तमाम संस्‍थाएं ट्रैफिक जाम की समस्‍या हल करने में जुटी हुई हैं. कई ब्रिज और अंडरपास बनाए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद ट्रैफिक जाम की समस्‍या बनी हुई है. इस सत्‍य को हमें स्‍वीकार करना पड़ेगा.'

कैसे मिलेगा दिल्‍लीवालों को ट्रैफिक से छुटकारा?

अजय चौधरी ने बताया, 'मौजूदा ट्रैफिक समस्‍या को हल करने के लिए दिल्‍ली पुलिस, पीडब्‍ल्‍यूडी, एमसीडी, डीडीए और नेशनल हाईवे अथॉरिटी को एक साथ बैठकर सुनियोजित तरीके से काम करने की जरूरत है. इसके साथ ही हमें नई गाडि़यों के रजिस्‍ट्रेशन में कैसे कमी लाई जा सकती है, इस पर भी काम करने की जरूरत है. इसके लिए दिल्‍ली में मेट्रो और डीटीसी की बसों की सुविधा को बेहतर करने की जरूरत होगी.'     

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