Kathua Terror Attack : सोमवार दोपहर बाद सेना सेना के गश्ती दल पर घात लगाकर आतंकवादियों ने हमला किया. धोखे से किए इस हमले का जवाब हमारी सेना के जवानों ने बहुत ही बहादुरी से दिया. आतंकवादियों के इस कायराना हमले के बाद भी हमारे देश के लाल लड़ते रहे. खून बहता रहा मगर वह लड़ते रहे. इतना लड़े कि इन कायर आतंकवादियों को भागना पड़ा. अब वह भाग रहे हैं और सेना के जवान उनको ढूंढ रहे हैं.
हमले के एक दिन बाद मंगलवार को पेड़ों और पहाड़ी से घिरी सड़क पर खून के धब्बे, बिखरे हुए हेलमेट, गोलियों के खोखे, चकनाचूर शीशे और पंचर टायर वाले वाहन घटना की विभीषका तो बयां कर रहे हैं, साथ ही जवानों की बहादुरी और घंटों चली मुठभेड़ की भी गवाही दे रहे हैं.
भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने सोमवार को जिला मुख्यालय कठुआ से लगभग 150 किलोमीटर दूर बदनोटा गांव के पास माछेड़ी-किंडली-मल्हार पहाड़ी मार्ग पर अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे दो सैन्य वाहनों पर ग्रेनेड फेंका और अंधाधुंध गोलीबारी की. हमले में पांच सैनिक शहीद हो गए तथा पांच अन्य घायल हो गए.
अधिकारियों ने घटना को याद करते हुए बताया कि सैनिकों ने हताहत होने के बावजूद साहस और दृढ़ता का परिचय दिया तथा कई घंटों तक आतंकवादियों का मुकाबला किया. उन्होंने बताया कि माना जा रहा है कि तीन आतंकवादियों के समूह ने इस हमले को अंजाम दिया. आतंकवादियों ने सैनिकों पर अचानक हमले के लिए संभवतः पहाड़ी पर फैले घने जंगल की आड़ ली थी, जिसके बाद सैनिकों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की और तब तक लड़ते रहे जब तक आतंकवादी घने जंगल में भाग नहीं गए.
अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण सोमवार देर रात को आतंकवादियों की तलाश करने के लिए अभियान को स्थगित कर दिया गया था, लेकिन मंगलवार को इसे फिर से शुरू किया गया. उन्होंने बताया कि सेना, पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के संयुक्त तलाशी दलों ने कठुआ, उधमपुर और डोडा सहित विभिन्न दिशाओं से अभियान शुरू किया है.
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