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न धड़कन, न नब्ज... मुंबई एयरपोर्ट पर कार्डिएक अरेस्ट से बेहोश यात्री की सतर्क टीम ने ऐसे बचाई जान

मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर कार्डिएक अरेस्ट से बेहोश एक यात्री की जान मेडिकल टीम की सतर्कता से बच गई. सोशल मीडिया पर एक वीडियो में यात्री ने खुद बताया कि किस तरह एयरपोर्ट की टीम ने उनकी नई जिंदगी दी है.

न धड़कन, न नब्ज... मुंबई एयरपोर्ट पर कार्डिएक अरेस्ट से बेहोश यात्री की सतर्क टीम ने ऐसे बचाई जान
  • मुंबई एयरपोर्ट पर सफर कर रहे गुजरात के 57 वर्षीय राहुल नाइक को कार्डिएक अरेस्ट आया था. उनकी धड़कन बंद हो गई थी, नब्ज भी नहीं मिल रही थी.
  • एयरपोर्ट की मेडिकल टीम ने यात्री को तुरंत सीपीआर और शॉक ट्रीटमेंट दिया. इतना ही नहीं, होश में लाकर तुरंत नानावटी अस्पताल भी पहुंचाया.
  • यात्री ने खुद वीडियो में जान बचाने के लिए एयरपोर्ट की टीम का आभार जताया और ऐसी सुविधा सभी एयरपोर्ट-बस अड्डों पर उपलब्ध कराने की अपील की.
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मुंबई:

हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट के मरीजों की जिंदगी और मौत के बीच जो चीज सबसे अहम होती है, वह है वक्त. अटैक पड़ने के तुरंत बाद शुरुआती ट्रीटमेंट मिल जाए तो वो संजीवनी का काम करता है. ऐसा ही कुछ मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर हुआ, जहां मेडिकल टीम की सतर्कता से कार्डिएक अरेस्ट के शिकार एक यात्री की जान बच गई. सोशल मीडिया पर एक वीडियो में पैसेंजर ने खुद बताया कि किस तरह एयरपोर्ट की टीम ने उन्हें नई जिंदगी दी. 

यात्री ने खुद बताई पूरी कहानी 

गुजरात के 57 वर्षीय राहुल नाइक को 1 जुलाई को मुंबई एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 पर कार्डिएक अरेस्ट आया था. उन्होंने वीडियो में बताया कि इसकी वजह से वो अचानक कॉलेप्स हो गए. उस दौरान एयरपोर्ट की मेडिकल टीम ने तुरंत सीपीआर और शॉक ट्रीटमेंट देकर उनका हार्ट रिवाइव किया. इतना ही नहीं, एंबुलेंस में उन्हें तत्काल नानावटी अस्पताल भी पहुंचाया. 

'सभी एयरपोर्ट-बस अड्डों पर हो ऐसी सुविधा'

व्हीलचेयर पर बैठे राहुल नाइक ने कहा कि समय पर ट्रीटमेंट मिलने के कारण उनकी जान बच पाई. इसी वजह से वह लोगों के साथ अपना अनुभव शेयर कर पा रहे हैं. उन्होंने जान बचाने के लिए मुंबई एयरपोर्ट की टीम का आभार जताया. इसके साथ ही उन्होंने अपील की कि देश के सभी हवाई अड्डों और बस अड्डों पर सीपीआर और ट्रीटमेंट की सुविधा होनी चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान बच सके. 

एयरपोर्ट प्रशासन ने की तारीफ

मुंबई एयरपोर्ट प्रशासन की तरफ से इस वीडियो को शेयर करते हुए बताया गया कि मेडिकल टीम की मेंबर कोमल सोनावणे और डॉ. शालिनी सुंदर पांडियन ने तुरंत ट्रीटमेंट देकर न सिर्फ यात्री की जान बचाई बल्कि साबित कर दिया कि मुंबई एयरपोर्ट महज आने-जाने का जरिया ही नहीं, जिंदगी बचाने और देखभाल करने का भी स्थान है. 

न सिर्फ जान बचाई, अस्पताल भी पहुंचाया

एयरपोर्ट ने बताया कि यात्री को टर्मिनल-1 के चेक इन काउंटर के पास कार्डिएक अरेस्ट हुआ था. उनकी धड़कन नहीं थी, नब्ज भी नहीं मिल रही थी. ऐसे में मेडिकल टीम की कोमल सोनावणे और डॉ. शालिनी सुंदर पांडियन ने सीपीआर और दो शॉक ट्रीटमेंट देकर हार्टबीट रिवाइव की. मरीज को होश में भी ले आए. 

मेडिकल टीम के प्रयासों की तारीफ करते हुए आगे कहा कि उनके तुरंत एक्शन की वजह से मरीज की हालत स्थिर हो सकी और उन्हें एयरपोर्ट की एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस के जरिए नजदीकी अस्पताल पहुंचाया जा सका. ये मुंबई एयरपोर्ट पर तैनात समर्पित मेडिकल टीम का हिस्सा हैं और सच्चे जीवनरक्षक हैं. 

जानलेवा होता है कार्डिएक अरेस्ट 

कार्डिएक अरेस्ट एक जानलेवा इमरजेंसी स्थिति होती है, जिसमें दिल अचानक काम करना बंद कर देता है. यह कुछ ऐसा होता है, जैसे किसी ने हार्ट का स्विच ऑफ कर दिया हो. इसकी वजह से ब्रेन और शरीर के अन्य प्रमुख अंगों तक खून की सप्लाई रुक जाती है. अगर तुरंत इलाज न मिले तो जान बचाना मुश्किल हो जाता है. 

(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)

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