उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुईं इमारतों को लेकर स्थानीय लोगों और प्रशासन के बीच बैठक खत्म हो गई है. मुआवजे के तौर पर प्रत्येक प्रभावित परिवार को तत्काल 1.5 लाख रुपये दिए जाएंगे. वहीं जोशीमठ के क्षतिग्रस्त सभी होटल एक सप्ताह के अंदर तोड़े जाएंगे.
चमोली के डीएम हिमांशु खुराना ने एनडीटीवी को बताया कि हम स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. होटल मालिकों से हमारी सकारात्मक चर्चा हुई है. हम होटलों को पूरी तरह नहीं गिरा रहे हैं, हम उन्हें एक सप्ताह के अंदर क्षतिग्रस्त भाग को गिराएंगे. सीबीआरआई की देखरेख में डिस्मेंटलिंग किया जाएगा.
इससे पहले स्थानीय लोग और होटल मालिक कई दिनों से सरकार की इस कार्रवाई का विरोध कर रहे थे. होटल संचालक सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे थे. लोगों के विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने फैसला किया है कि बुलडोजर का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. विध्वंस मैन्युअल रूप से किया जाएगा.
सरकार ने क्षतिग्रस्त मकानों को गिराने के लिए उचित योजना बनाने के लिए सीबीआरआई की एक टीम बुलाई है. राज्य सरकार ने सोमवार को 'माउंट व्यू' और 'मालारी इन' होटल को गिराने का फैसला किया था, जिनमें हाल में बड़ी दरारें आ गईं हैं और दोनों एक-दूसरे की ओर झुक गए हैं.
प्रभावित इलाकों में 86 घरों को असुरक्षित चिह्नित किया गया है. जिला प्रशासन ने ऐसे घरों के बाहर लाल निशान लगा दिए हैं. जोशीमठ के लोग अब भी पुनर्वास और मुआवजे को लेकर गुस्से में हैं. हालांकि प्रभावित मकानों के मालिकों को राज्य सरकार ने 4000 रुपये प्रति महीना देने का ऐलान किया है.
होटलों को गिराने के लिए रुड़की से एक्सपर्ट की टीम बुलाई गई है. ये वो होटल हैं जिनके स्वतः गिरने से कई मोहल्लों को ख़तरा था, लिहाज़ा एहतियातन इन्हें सरकार ने गिराने का फ़ैसला लिया है.
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