
विभिन्न मांगों को लेकर शुरू हुआ किसान आंदोलन उग्र होता जा रहा है
नई दिल्ली:
मध्य प्रदेश के मंदसौर ज़िले में हो रही हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय में बुधवार को बैठकों का दौर चला. गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से किसानों की मौत को लेकर और सूबे में बिगड़ते हालत पर रिपोर्ट तलब की है. केंद्र सरकार के राज्य के हालत पर काबू पाने के लिए 1,100 दंगा विरोधी दस्ते के जवान मंदसौर भेजे हैं.
गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से पूछा भी है कि क्या 6 किसानों की मौत पुलिस की गोली से हुई है अगर, नहीं तो किन हालात में उनकी मौत हुई?
दरअसल, मध्य प्रदेश में कर्जमाफी, खेती के लिए बिना ब्याज कर्ज, किसानों के लिए पेंशन योजना समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन ज़ोर पकड़ता जा रहा है.
उधर, राज्य सरकार ने मंत्रालय को अपनी शुरुआती रिपोर्ट में बताया है कि हालत और ना बिगड़ें इसलिए राज्य के 4 जिलों रतलाम, नीमच, मंदसौर और उज्जैन में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. साथ ही एकसाथ बड़ी संख्या में संदेश भेजने की सेवा पर भी पाबंदी लगा दी गई है.
मंत्रालय ने सबसे ज़्यादा चिंता हाइवे पर हो रही हिंसा को लेकर जताई है. राज्य सरकार के मुताबिक, कई जगहों पर गाड़ियों में आग लगा कर राजमार्ग बंद कर दिए गए हैं. प्रदर्शनकारियों ने देवास हाईवे को जाम कर दिया और कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की. किसानों ने कई ट्रकों को भी आग के हवाले कर दिया. किसानों के प्रदर्शन के चलते प्रदेश में दूध, सब्जी सहित अन्य रोजमर्रा की चीजों के दाम आसमान छूने लगे हैं.
इस बीच राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने आंदोलन को और बड़ा रूप देने की चेतावनी दी है. किसान मजदूर संघ ने बुधवार को प्रदेशव्यापी बंद का ऐलान किया था. इसके विरोध में व्यापारियों ने भी अनिश्चितकाल के लिए शहर को बंद कर दिया.
उधर, इस पूरे घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया, 'मैं खुद एक किसान हूं और किसानों की परेशानी समझता हूं. आप निश्चिंत रहें, आपकी सारी बातों पर सरकार अमल कर रही है.' उन्होंने किसानों से शान्ति बनाए रखने की अपील की है. साथ ही उन्होंने कहा कि किसान अफवाहों पर ध्यान न दें.
गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से पूछा भी है कि क्या 6 किसानों की मौत पुलिस की गोली से हुई है अगर, नहीं तो किन हालात में उनकी मौत हुई?
दरअसल, मध्य प्रदेश में कर्जमाफी, खेती के लिए बिना ब्याज कर्ज, किसानों के लिए पेंशन योजना समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों का आंदोलन ज़ोर पकड़ता जा रहा है.
उधर, राज्य सरकार ने मंत्रालय को अपनी शुरुआती रिपोर्ट में बताया है कि हालत और ना बिगड़ें इसलिए राज्य के 4 जिलों रतलाम, नीमच, मंदसौर और उज्जैन में मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है. साथ ही एकसाथ बड़ी संख्या में संदेश भेजने की सेवा पर भी पाबंदी लगा दी गई है.
मंत्रालय ने सबसे ज़्यादा चिंता हाइवे पर हो रही हिंसा को लेकर जताई है. राज्य सरकार के मुताबिक, कई जगहों पर गाड़ियों में आग लगा कर राजमार्ग बंद कर दिए गए हैं. प्रदर्शनकारियों ने देवास हाईवे को जाम कर दिया और कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की. किसानों ने कई ट्रकों को भी आग के हवाले कर दिया. किसानों के प्रदर्शन के चलते प्रदेश में दूध, सब्जी सहित अन्य रोजमर्रा की चीजों के दाम आसमान छूने लगे हैं.
इस बीच राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने आंदोलन को और बड़ा रूप देने की चेतावनी दी है. किसान मजदूर संघ ने बुधवार को प्रदेशव्यापी बंद का ऐलान किया था. इसके विरोध में व्यापारियों ने भी अनिश्चितकाल के लिए शहर को बंद कर दिया.
उधर, इस पूरे घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया, 'मैं खुद एक किसान हूं और किसानों की परेशानी समझता हूं. आप निश्चिंत रहें, आपकी सारी बातों पर सरकार अमल कर रही है.' उन्होंने किसानों से शान्ति बनाए रखने की अपील की है. साथ ही उन्होंने कहा कि किसान अफवाहों पर ध्यान न दें.
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