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This Article is From Dec 15, 2019

हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने पहली बार दिये नागरिकता कानून में बदलाव के संकेत

नागरिकता संशोधन क़ानून पर पूर्वोत्तर राज्यों में हिंसा और प्रदर्शनों के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने पहली बार नागरिकता क़ानून में कुछ बदलाव के संकेत दिए हैं.

हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने पहली बार दिये नागरिकता कानून में बदलाव के संकेत
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

नागरिकता संशोधन क़ानून पर पूर्वोत्तर राज्यों में हिंसा और प्रदर्शनों के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने पहली बार नागरिकता क़ानून में कुछ बदलाव के संकेत दिए हैं. धनबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस क़ानून को लेकर नॉर्थ ईस्ट के लोगों में कुछ संदेह है और इसको लेकर मेघालय के मुख्यमंत्री ने मुझसे मुलाक़ात की. मैंने उन्हें भरोसा दिलाया है कि क्रिसमस के बाद इसका कोई ना कोई हल ज़रूर निकाल लिया जाएगा और उन्हें इस क़ानून को लेकर परेशान होने की ज़रूरत नहीं है. बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act 2019) पर पूर्वोत्तर में जारी हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बीच बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. 

पूर्वोत्तर में बीजेपी की प्रमुख सहयोगियों में से एक असम गण परिषद ने पहले कानून का समर्थन किया था, लेकिन अब इसके विरोध का ऐलान किया है. असम गण परिषद (AGP) ने वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक के बाद यह फैसला लिया है. वहीं, असम गण परिषद ने यह भी कहा है कि वो नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगी. इस मुद्दे पर असम गण परिषद का एक दल प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से भी मिलेगा. बता दें कि एजीपी बीजेपी की अगुवाई वाली असम सरकार का भी हिस्सा है और राज्य की कैबिनेट में उसके तीन मंत्री भी हैं. 

VIDEO: नागरिकता बिल के बारे में क्या सोचती है जनता?

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