रिपब्लिक टीवी' (Republic TV) के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी (Arnab Goswami) की अर्णब गोस्वामी की अर्जी पर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई शुनिवार तक के लिए टल गई है. मामले में कल 12 बजे सुनवाई होगी. अर्जी पर शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान जस्टिस ने पूछा कि क्या मजिस्ट्रेट के आदेश को सेसन्स कोर्ट में चुनौती दी गई है, इस पर वकील हरीश साल्वे (Harish Salve) ने कहा-हां. जस्टिस ने कहा कि हम ये नहीं जानते कि सेसन्स का क्या फैसला होगा. इस पर हरीश साल्वे ने कहा कि मेरा मुवक्किल जेल में है. साल्वे ने कहा, 'मैं कुछ वजह से आदेश दिखाना चाहता हूं क्योंकि CJM ने नोट किया कि मामले को फिर से खोलने के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई है.
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उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने विधानसभा में आरोप लगाया था कि आत्महत्या के लिए अर्नब जिम्मेदार था. यहीं से पूरा मामला शुरू होता है. अर्णब गोस्वामी को एक विशेषाधिकार नोटिस भी जारी किया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने आज विधानसभा सचिव को पत्र के लिए अवमानना नोटिस जारी किया है. उन्होंने कहा कि पुलिस एक ऐसे पुलिस रिमांड को पाना चाहती है, जिसे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अस्वीकार कर दिया था.
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साल्वे ने आगे कहा कि यह मायने नहीं रखता कि आदेश चुनौती के अधीन है या नहीं ?सीजेएम ने रिकॉर्ड और केस डायरी देखने के बाद आदेश पारित किया. साल्वे ने कहा कि सीजेएम ने अपने आदेश में कहा है "ऐसा लगता है कि आरोपी (अरनब गोस्वामी) की गिरफ्तारी अवैध है" उन्होंने कहा कि गृह मंत्री अनिल देशमुख ने विधानसभा में कहा कि अन्वय नाइक की आत्महत्या अर्णब गोस्वामी द्वारा बकाया राशि का भुगतान न करने के कारण हुई थी.मेरा सवाल है क्या निर्णय लेने के लिए मंत्री न्यायपालिका से ऊपर है?साल्वे ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि यह राज्य सरकार बदले की भावना से काम कर रही है. गौरतलब है कि अर्नब गोस्वामी को 53 साल के इंटीरियर डिजाइनर को कथित रूप से आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में बुधवार को गिरफ्तार किया गया था.
साल्वे ने कहा कि शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि अगर किसी का नाम सुसाइड नोट में है तो उसे जेल में डाल देना चाहिए. मैं कानून नहीं जानने के लिए राउत को दोष नहीं दूंगा. लेकिन मैं न्यायालय को कुछ फैसले दिखाऊंगा. किसी ने भी यह नहीं बताया कि आरोपी और मृतक के बीच कोई व्यक्तिगत संबंध था. यह एक कारोबारी लेनदेन था. समस्या यह नहीं हो सकती है कि अर्णब टीवी चैनल पर वापस जाएगा और चिल्लाएगा और परमबीर सिंह के खिलाफ आरोप लगाएगा.वह निश्चित रूप से होगा, लेकिन ये सब उसे हिरासत में रखने का कोई आधार नहीं है. जस्टिस शिंदे ने अर्णब के वकील आबाद पोंडा से पूछा कि क्या मजिस्ट्रेट के समक्ष जमानत अर्जी दी गई थी. पोंडा ने बताया जमानत की अर्जी वापस ले ली गई क्योंकि सीजेएम ने कोई विशेष तारीख नहीं दी और इसे "उचित समय" के बाद के लिए रख दिया था. जस्टिस शिंदे ने पूछा सामन्यतः याचिकाकर्ता को किस अदालत में जाना चाहिए था तो आबाद पोंडा ने कहा मजिस्ट्रेट कोर्ट में.
सिटी सेंटर: Republic TV के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी गिरफ्तार
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