
चंडीगढ़ : हरियाणा के स्वस्थ्य और खेल मंत्री अनिल विज के साइबर हमले की चर्चा प्रदेश के सियासी गलियारों में गरम है। विज ने अपने ट्वीट्स के ज़रिए मुख्यमंत्री और अफसरशाही पर निशाना साधा है. विज अपने विभागों में दखलंदाज़ी से नाराज़ बताए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के निवास पर राज्य इकाई के प्रभारी डॉ. अनिल जैन ने पार्टी के विधायकों से सरकार के काम काज पर फीडबैक लिया। गिले शिकवे सुनने सुनाने का दौर करीब चार घंटे तक चला। लेकिन चर्चा का विषय बने मंत्री अनिल विज के ट्वीट पर सफाई देनी पड़ी।
डॉ. जैन ने कहा कि ट्वीट को लेकर कोई मनमुटाव नहीं है. मैंने दोनों को बुलाकर बात की है. मंत्री केरल में थे तो सीएम उनके विभाग के किसी कार्यक्रम में चले गए थे।
दरअसल, पिछले एक पखवाड़े से मंत्री विज ने मुख्यमंत्री के खिलाफ ट्वीटर पर मोर्चा खोल रखा था, जिससे सरकार की खूब किरकिरी हुई। मुख्यमंत्री विज को मानाने उनके घर अम्बाला भी गए। लेकिन अपने विभाग के कामकाज में दखल और अफसरशाही से नाराज़ विज का ट्विटर वार जारी रहा।
3 फरवरी को विज ने ट्वीट किया : कुछ लोग मुझे मेरे काम करने के तरीके से रोकना चाहते हैं। लेकिन वह कभी कामयाब नहीं होंगे।
फिर 5 फरवरी को उन्होंने ट्वीट किया : राजनीती में कदम-कदम पर अवरोधक होते हैं। मैंने अपने ट्वीट में किसी का नाम नहीं लिया है। मैंने तो सरकार के 100 दिन पूरे होने पर अपना संकल्प व्यक्त किया है कि मैं ऐसे ही सब अवरोधों को रौंदता हुआ आगे बढ़ता रहूंगा।
15 फरवरी को एक और ट्वीट आया : मैं सियासत में कांग्रेस का ठेला धकेलने के लिए नहीं आया।
16 फरवरी को अनिल विज ने फिर नाराज़गी जताई : मेरे महकमों में रुचि लेने के लिए मुख्यमंत्री का शुक्रिया। मैं तनाव मुक्त हूं।
हालांकि बैठक के बाद अनिल विज खुलकर कुछ नहीं बोले लेकिन ये ज़रूर कहा कि ये मंच है जहां सब लोग खुलकर अपने मन की बात रखते हैं, हमारी पार्टी में हर कोई अपनी बात कह सकता है बिना किसी दबाव के।'
नई नवेली सरकार में कलह की ख़बरों से कांग्रेस को मौका मिल गया है।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने चुटकी लेते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि मुख्यमंत्री का अपने सहयोगियों में भरोसा नहीं है। सरकार के कामकाज में समन्वय की कमी है। इसका असर जनता पर पड़ेगा।
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