ऊंची-ऊंची इमारतों के लिए मशहूर गुड़गांव में कई मल्टीनेशनल कंपनियों के दफ्तर हैं
नई दिल्ली:
हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने फैसला किया है कि राज्य के 'कॉरपोरेट हब' के रूप में प्रसिद्ध गुड़गांव जिले का नाम बदला जाएगा। गुड़गांव का नया नाम गुरुग्राम होगा। इसके साथ ही मेवात का नाम भी बदल जाएगा और अब इसे नूंह नाम से जाना जाएगा।
हरियाणा सरकार ने कहा कि स्थानीय लोगों की मांग पर गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम किया जा रहा है। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा, 'यह वो इलाका है जहां महाभारत काल में द्रोणाचार्य का आश्रम हुआ करता था। यह एक बड़ा अध्ययन केंद्र था, जहां राजकुमारों को शिक्षा दी जाती थी। स्थानीय लोग काफी लंबे समय से गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम किए जाने की मांग कर रहे थे।'
विपक्ष ने खड़े किए सवाल
हालांकि सरकार के इस फैसले पर विपक्ष ने सवाल भी खड़े करने शुरू कर दिए हैं। राज्य के कांग्रेस प्रमुख अशोक तंवर ने खट्टर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या वे सिर्फ नाम ही बदलते रहेंगे या फिर विकास के लिए भी कुछ करेंगे। उन्होंने कहा कि गुड़गांव आज दुनियाभर में मशहूर है और इसका नाम बदल देने से किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी।
उल्लेखनीय है कि गुड़गांव कई बीपीओ और आईटी कंपनियों का गढ़ है। इसे उत्तरी भारत की 'साइबर सिटी' के तौर पर भी जाना जाता है। साथ ही यह शहर ऊंची-ऊंची इमारतों के लिए भी मशहूर है। यहां कई मल्टीनेशनल कंपनियों के दफ्तर हैं।
मेवात का नाम अब नूंह
मेवात का नाम बदले जाने के बारे में हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि वास्तव में मेवात एक भौगोलिक और सांस्कृतिक इकाई है, न कि एक शहर। यह हरियाणा से बाहर पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश और राजस्थान तक फैला हुआ है। उन्होंने बताया कि मेवात जिले का मुख्यालय नूंह शहर है। इलाके के लोग और निर्वाचित प्रतिनिधि मेवात का नाम बदल कर नूंह करने की मांग कर रहे थे।
कर्नाटक में भी बदले थे कई शहरों के नाम
गौरतलब है कि साल 2014 में कर्नाटक सरकार ने भी राजधानी बैंगलोर समेत राज्य के 12 शहरों के नाम बदले थे। नए नाम स्थानीय संस्कृति से मिलते-जुलते हैं। इसी के तहत बैंगलोर का नाम बेंगलुरु, मंगलोर का नाम मंगलुरु, मैसूर का नाम मैसूरु, बेल्लारी का नाम बल्लारी, बेलगाम का नाम बेलगावी, हुबली का नाम हुब्बली, तुमकुर का तुमाकुरु, बीजापुर का विजयपुरा, चिकमगलूर का चिकामगलुरु, गुलबर्ग का कालाबुरागी, होसपेट का होसापेटे और शिमोगा का शिवामोगा हो गया।
हरियाणा सरकार ने कहा कि स्थानीय लोगों की मांग पर गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम किया जा रहा है। एक सरकारी प्रवक्ता ने कहा, 'यह वो इलाका है जहां महाभारत काल में द्रोणाचार्य का आश्रम हुआ करता था। यह एक बड़ा अध्ययन केंद्र था, जहां राजकुमारों को शिक्षा दी जाती थी। स्थानीय लोग काफी लंबे समय से गुड़गांव का नाम बदलकर गुरुग्राम किए जाने की मांग कर रहे थे।'
विपक्ष ने खड़े किए सवाल
हालांकि सरकार के इस फैसले पर विपक्ष ने सवाल भी खड़े करने शुरू कर दिए हैं। राज्य के कांग्रेस प्रमुख अशोक तंवर ने खट्टर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या वे सिर्फ नाम ही बदलते रहेंगे या फिर विकास के लिए भी कुछ करेंगे। उन्होंने कहा कि गुड़गांव आज दुनियाभर में मशहूर है और इसका नाम बदल देने से किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी।
उल्लेखनीय है कि गुड़गांव कई बीपीओ और आईटी कंपनियों का गढ़ है। इसे उत्तरी भारत की 'साइबर सिटी' के तौर पर भी जाना जाता है। साथ ही यह शहर ऊंची-ऊंची इमारतों के लिए भी मशहूर है। यहां कई मल्टीनेशनल कंपनियों के दफ्तर हैं।
मेवात का नाम अब नूंह
मेवात का नाम बदले जाने के बारे में हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि वास्तव में मेवात एक भौगोलिक और सांस्कृतिक इकाई है, न कि एक शहर। यह हरियाणा से बाहर पड़ोसी राज्यों उत्तर प्रदेश और राजस्थान तक फैला हुआ है। उन्होंने बताया कि मेवात जिले का मुख्यालय नूंह शहर है। इलाके के लोग और निर्वाचित प्रतिनिधि मेवात का नाम बदल कर नूंह करने की मांग कर रहे थे।
कर्नाटक में भी बदले थे कई शहरों के नाम
गौरतलब है कि साल 2014 में कर्नाटक सरकार ने भी राजधानी बैंगलोर समेत राज्य के 12 शहरों के नाम बदले थे। नए नाम स्थानीय संस्कृति से मिलते-जुलते हैं। इसी के तहत बैंगलोर का नाम बेंगलुरु, मंगलोर का नाम मंगलुरु, मैसूर का नाम मैसूरु, बेल्लारी का नाम बल्लारी, बेलगाम का नाम बेलगावी, हुबली का नाम हुब्बली, तुमकुर का तुमाकुरु, बीजापुर का विजयपुरा, चिकमगलूर का चिकामगलुरु, गुलबर्ग का कालाबुरागी, होसपेट का होसापेटे और शिमोगा का शिवामोगा हो गया।
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