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'ओछी राजनीति': मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर कांग्रेस के आरोप पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी

कांग्रेस पार्टी को इस मुद्दे पर राजनीति न करने की सलाह देते हुए एनडीटीवी के साथ एक इंटरव्‍यू के दौरान केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा, राहुल गांधी 'तथ्यों को कल्पना' को साथ मिलाने की कोशिश कर रहे हैं.

'ओछी राजनीति': मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर कांग्रेस के आरोप पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी
नरसिम्‍हा राव को क्‍यों नहीं दिया सम्‍मान- हरदीप सिंह पुरी
नई दिल्‍ली:

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के अंतिम संस्‍कार को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. कांग्रेस आरोप लगा रही है कि बीजेपी ने डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्‍कार निगमबोध घाट पर करके उनका अपमान किया है. कांग्रेस के आरोपों को निराधार बताते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि यह "सस्ते राजनीतिक दांव" लगाने का समय नहीं है. बता दें कि डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्‍कार निगमबोध घाट पर पूरे राजकीय सम्‍मान के साथ किया गया. उन्‍हें 21 तोपों की सलामी दी गई और इस दौरान राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई नेता शामिल हुए. 

"राहुल गांधी 'तथ्यों को कल्पना' को साथ मिलाने की कोशिश कर रहे"

विपक्ष के नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर दिल्ली के निगमबोध घाट पर अंतिम संस्कार समारोह आयोजित करके पूर्व प्रधान मंत्री का अपमान करने का आरोप लगाया. कांग्रेस पार्टी को इस मुद्दे पर राजनीति न करने की सलाह देते हुए एनडीटीवी के साथ एक इंटरव्‍यू के दौरान केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा, राहुल गांधी 'तथ्यों को कल्पना' को साथ मिलाने की कोशिश कर रहे हैं. डॉ. सिंह की मृत्यु के अगले दिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट बैठक बुलाई और निर्णय लिया गया कि पूर्व प्रधानमंत्री का राजकीय सम्‍मन के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा.'  उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय भी डॉ. सिंह के लिए एक स्मारक बनाने के कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे के अनुरोध पर सहमत हो गया है. एकता स्थल चार पूर्व राष्ट्रपतियों और तीन पूर्व प्रधानमंत्रियों के लिए अंतिम विश्राम स्थल है. ये हैं पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह, शंकर दयाल शर्मा, केआर नारायणन और आर वेंकटरमण, और पूर्व प्रधानमंत्री चंद्र शेखर, आईके गुजराल और पीवी नरसिम्हा राव. यहां अभी काफी जगह है, लेकिन कांग्रेस की ओर से आए अनुरोध से स्पष्ट है कि वे और अधिक चाहते हैं, और उस अनुरोध को स्वीकार कर लिया गया.

"नरसिम्‍हा राव को क्‍यों नहीं दिया सम्‍मान"

हरदीप पुरी ने प्रधानमंत्री नरसिम्‍हा राव के पार्थिव शरीर के साथ व्यवहार को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्‍होंने कहा, 'नरसिम्‍हा राव की मृत्‍यु 23 दिसंबर 2004 को हुई थी,और कांग्रेस पार्टी ने उनके पार्थिव शरीर को एआईसीसी मुख्यालय ले जाने की इजाजत नहीं दी. कांग्रेस पार्टी ने सिर्फ एक परिवार को महत्‍व दिया है. इसलिए नरसिम्हा राव का स्‍मारक मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही दिल्‍ली में बन पाया. 

"डॉ. मनमोहन सिंह की अस्थियों को विसर्जन गांधी परिवार से कोई..."

हरदीप पुरी ने कहा, 'आज जब डॉ. मनमोहन सिंह की अस्थियों को विसर्जन के लिए ले जाया गया, तो गांधी परिवार से कोई भी मौजूद नहीं था. मैंने उस तस्वीर को ध्यान से देखा, यहां तक ​​कि कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों को भी, मैंने उनमें से किसी को भी नहीं देखा. ये किस सम्‍मान की बात कर रहे हैं. हालांकि, कांग्रेस सूत्रों ने कहा है कि डॉ. मनमोहन सिंह का परिवार चाहता था कि अस्थियों का विसर्जन पूरी तरह से निजी मामला हो और इसीलिए शीर्ष नेता दूर रहे. इस पर पलटवार करते हुए, हरदीप पुरी ने कहा, 'हम इसे कोई मुद्दा नहीं बना रहे हैं, लेकिन अगर परिवार चाहता है कि यह पूरी तरह से व्यक्तिगत मामला हो, तो वह एक दिवंगत प्रधानमंत्री हैं. जब आप स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के अंतिम संस्कार की तस्वीरें देखते हैं, तो प्रधानमंत्री मंत्री (मोदी) पूरे रास्ते चले, गृह मंत्री अमित शाह चले, पीयूष (गोयल) चले. पूरा मामला यह है कि पार्टी कितना कुछ करना चाहती है... वे हमेशा इस मुद्दे पर विचार कर रहे हैं, उस चीज़ पर उंगली उठाओ जो नहीं किया गया था, सब कुछ किया गया था.'

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