नई दिल्ली: कनाडा (Canada) में खालिस्तानी आतंकवादी (Khalistani terrorist) हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्या के आरोप में तीन भारतीयों की गिरफ्तारी पर भारत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. भारत ने कनाडा पर राजनीतिक हित साधने का आरोप लगाया है. साथ ही भारत ने अपनी स्थिति को दोहराते हुए कहा कि कनाडा में अलगाववादियों और चरमपंथियों को राजनीतिक जगह दी गई है.
गुरुवार को एक सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि कनाडा की तरफ से राजनयिक स्तर पर गिरफ्तारियों के बारे में सूचना नहीं दी गयी है. यह पूछे जाने पर कि क्या कांसुलर पहुंच प्रदान की गई है, श्री जयसवाल ने केवल इतना कहा कि, कुछ देशों में, पहुंच तब तक नहीं दी जाती है जब तक कि गिरफ्तार किए गए व्यक्ति या लोग विशेष रूप से इसके लिए अनुरोध नहीं करते हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या भारत को इन लोगों के हत्या में शामिल होने का कोई सबूत दिया गया है के जवाब में जयसवाल ने कहा कि देश उचित प्रक्रिया को अपनाएगा. उन्होंने कहा कि "मैं पहले यह स्पष्ट कर दूं कि इस मामले के संबंध में कनाडाई अधिकारियों द्वारा आज तक कोई विशिष्ट या प्रासंगिक सबूत या जानकारी साझा नहीं की गई है. इसलिए आप हमारे विचार को समझेंगे कि मामला पूर्व-निर्धारित है. जाहिर है, राजनीतिक हित काम कर रहे हैं. हमने लंबे समय से कहा है कि अलगाववादियों, चरमपंथियों और हिंसा की वकालत करने वालों को कनाडा में राजनीतिक जगह दी जा रही है.
विदेश मंत्रालय ने लगाया गंभीर आरोप
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि "हमारे राजनयिकों को धमकी दी गई है और उन्हें उनके कार्य करने में बाधा उत्पन्न की जा रही है. हमने कनाडाई अधिकारियों को यह भी बताया है कि भारत से जुड़े संगठित अपराध से जुड़े लोगों को कनाडा में प्रवेश और निवास की अनुमति दी गई है. हमारे कई प्रत्यर्पण अनुरोध लंबित हैं हम इन सभी मामलों पर राजनयिक स्तर पर चर्चा कर रहे हैं.
एडमोंटन के निवासी 22 वर्षीय करण बराड़, 22 वर्षीय कमलप्रीत सिंह और 28 वर्षीय करणप्रीत सिंह को निज्जर की हत्या करने वाले दस्ते का हिस्सा होने के संदेह में पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था. उन पर हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है. कनाडा के पीएम ने क्या कहा?
ट्रूडो ने गिरफ़्तारी के बाद दावा किया था कि कनाडा "कानून का पालन करने वाला देश" है और हत्या की जांच तीन भारतीयों तक सीमित नहीं है, इधर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि, भारत की चेतावनी के बावजूद, कनाडा संगठित अपराध से जुड़े लोगों को वीजा लगातार जारी कर रहा है. जयशंकर ने कहा था कि अभी हमारी सबसे बड़ी समस्या कनाडा में है. क्योंकि कनाडा में सत्तारूढ़ पार्टी और अन्य पार्टियों ने इस प्रकार के उग्रवाद, अलगाववाद और हिंसा की वकालत करने वालों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर एक निश्चित वैधता दी है. जब आप उन्हें कुछ बताते हैं, तो उनकी उत्तर है 'नहीं, हम एक लोकतांत्रिक देश हैं, और यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है.
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