हज कमेटी के सदस्य ने हामिद अंसारी के बयान पर असहमति जताई है.
इंदौर:
देश के मुसलमानों में असुरक्षा की भावना और बेचैनी का अहसास होने की पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के हालिया बयान से भारतीय हज समिति के सदस्य इनायत हुसैन कुरैशी ने आज असहमति जताई.
कुरैशी ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, "मैं अंसारी के बयान से कतई इत्तेफाक नहीं रखता. भारत में मुसलमान ही नहीं, सभी मजहबों के लोग महफूज हैं." अंसारी ने उपराष्ट्रपति पद से अपनी विदाई से ऐन पहले कहा था कि देश के मुस्लिमों में बेचैनी का अहसास और असुरक्षा की भावना है.
देश में भीड़ द्वारा कानून हाथ में लेकर लोगों को जान से मार डालने के मामलों पर चिंता जताते हुए कुरैशी ने कहा, "सामूहिक हिंसा का शिकार होने वाले शख्स का नाम चाहे जुनैद हो या सीताराम, ऐसे मामले सरासर गलत हैं. लेकिन इन मामलों को छोड़ दिया जाए, तो आजकल यह भी देखा जा रहा है कि छोटी-छोटी बातों को बेवजह तूल देकर सांप्रदायिक फिजा बिगाड़ने की कोशिश हो रही है."
यह भी पढ़ें : उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के बयान पर मुस्लिम समाज में भी अलग-अलग राय
पूरे देश में गो हत्या पर पाबंदी की मांग के सवाल पर भारतीय हज समिति के सदस्य ने कहा, "अगर गाय को हिंदू अपनी माता मानते हैं, तो मुसलमानों को उनकी धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करना चाहिए. कुरआन हमें यही सिखाता है कि किसी भी मजहब की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जानी चाहिए." कुरैशी ने एक सवाल पर स्पष्ट किया कि वह देश के मुसलमानों को हज सब्सिडी जारी रखने के पक्ष में हैं.
उन्होंने कहा, "सरकार द्वारा मुसलमानों को दी जा रही हज सब्सिडी बरकरार रखी जानी चाहिये." कुरैशी मध्यप्रदेश हज समिति के चेयरमैन भी हैं. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले साल की सऊदी अरब यात्रा के बाद भारत के हज कोटे में इजाफा किया गया है. इसका फायदा मध्यप्रदेश को भी मिला है.
VIDEO : बीजेपी ने जताई आपत्ति
उन्होंने बताया कि इस साल मध्यप्रदेश के करीब 3,600 लोग हज यात्रा पर जाएंगे, जबकि पिछले वर्ष सूबे से लगभग 2,700 लोगों ने यह मुकद्दस सफर किया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कुरैशी ने आज यहां संवाददाताओं से कहा, "मैं अंसारी के बयान से कतई इत्तेफाक नहीं रखता. भारत में मुसलमान ही नहीं, सभी मजहबों के लोग महफूज हैं." अंसारी ने उपराष्ट्रपति पद से अपनी विदाई से ऐन पहले कहा था कि देश के मुस्लिमों में बेचैनी का अहसास और असुरक्षा की भावना है.
देश में भीड़ द्वारा कानून हाथ में लेकर लोगों को जान से मार डालने के मामलों पर चिंता जताते हुए कुरैशी ने कहा, "सामूहिक हिंसा का शिकार होने वाले शख्स का नाम चाहे जुनैद हो या सीताराम, ऐसे मामले सरासर गलत हैं. लेकिन इन मामलों को छोड़ दिया जाए, तो आजकल यह भी देखा जा रहा है कि छोटी-छोटी बातों को बेवजह तूल देकर सांप्रदायिक फिजा बिगाड़ने की कोशिश हो रही है."
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पूरे देश में गो हत्या पर पाबंदी की मांग के सवाल पर भारतीय हज समिति के सदस्य ने कहा, "अगर गाय को हिंदू अपनी माता मानते हैं, तो मुसलमानों को उनकी धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करना चाहिए. कुरआन हमें यही सिखाता है कि किसी भी मजहब की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई जानी चाहिए." कुरैशी ने एक सवाल पर स्पष्ट किया कि वह देश के मुसलमानों को हज सब्सिडी जारी रखने के पक्ष में हैं.
उन्होंने कहा, "सरकार द्वारा मुसलमानों को दी जा रही हज सब्सिडी बरकरार रखी जानी चाहिये." कुरैशी मध्यप्रदेश हज समिति के चेयरमैन भी हैं. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले साल की सऊदी अरब यात्रा के बाद भारत के हज कोटे में इजाफा किया गया है. इसका फायदा मध्यप्रदेश को भी मिला है.
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उन्होंने बताया कि इस साल मध्यप्रदेश के करीब 3,600 लोग हज यात्रा पर जाएंगे, जबकि पिछले वर्ष सूबे से लगभग 2,700 लोगों ने यह मुकद्दस सफर किया था.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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