स्वयंभू संत गुरमीत राम रहीम सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के बाद पीड़ित पत्रकार के परिवार ने संतोष व्यक्त किया है. हालांकि परिवार ने राम रहीम के लिए मौत की सजा की मांग की थी.
एक विशेष सीबीआई अदालत ने 2002 में हरियाणा के सिरसा में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में गुरुवार को राम रहीम और तीन अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. छत्रपति के अखबार में एक अज्ञात पत्र के हवाले से डेरा मुख्यालय में राम रहीम द्वारा महिलाओं के यौन उत्पीड़न की खबर प्रकाशित हुई थी. उसके बाद उनकी हत्या कर दी गई. इस सिलसिले में चारों को पिछले शुक्रवार को दोषी ठहराया गया था.
पत्रकार की बेटी श्रेयसी छत्रपति ने कहा, ‘‘हालांकि हमने मौत की सजा मांगी थी लेकिन यह सजा मौत की सजा से कम नहीं है क्योंकि वह अपने जीवन में जेल से बाहर नहीं आ सकेगा. वह अपनी अंतिम सांस तक सलाखों के पीछे रहेगा.'' उसने कहा, ‘‘गुरमीत हर दिन अपने अपराध को याद करेगा और फिर जेल में रोएगा.''
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उन्होंने कहा, ‘‘अदालत ने जो सजा सुनाई है, हम उससे संतुष्ट हैं.'' उसके भाई अंशुल छत्रपति ने भी सजा पर संतोष व्यक्त किया.
VIDEO : गुरमीत राम रहीम को आजीवन कारावास
(इनपुट भाषा से)
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