शंकर सिंह वाघेला ने अहमद पटेल के समर्थन पर पत्ते साफ नहीं किए
नई दिल्ली:
गुजरात राज्यसभा चुनाव को लेकर इन दिनों राजनीति गर्म है. हाल ही में कांग्रेस का दामन छोड़ने वाले वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला ने राज्यसभा चुनाव में अहमद पटेल के समर्थन को लेकर अपना पत्ता साफ़ नहीं किया है. NDTV के श्रीनिवासन जैन से बातचीत में उन्होंने माना कि अहमद पटेल से उनके काफी पुराने और अच्छे संबंध हैं, लेकिन उनको समर्थन देने के सवाल को वाघेला टाल गए. हालांकि उन्होंने साफ कर दिया कि क्या करना है, इस पर उन्होंने अपना मन बना लिया है.
पढ़ें: गुजरात के सीएम विजय रुपानी बोले- गुजरात से राज्यसभा की तीनों सीटे हम ही जीतेंगे
क्या आप अहमद पटेल का समर्थन करेंगे?
देखिए हर वोटर अपने ख़ुद के वोट का मालिक होता है. अहमद भाई पटेल से मेरे अच्छे संबंध हैं, मैंने उनसे चर्चा की है. इसलिए क्या करना है और क्या नहीं करना है ये मेरे और अहमद पटेल का आपसी मामला है.
मतलब अभी तक कोई फ़ैसला नहीं हुआ है?
देखिए ये मेरी निजी सोच है, मेरा निजी फ़ैसला है. किसे वोट करना है, किसे नहीं करना है ये कोई सवाल नहीं है. ऐसा कुछ नहीं है कि मुझे आख़िरी वक़्त में फ़ैसला लेना है. मैंने पहले ही अपना मन बना लिया है.
पढ़ें: खरीद-फरोख्त के डर से बेंगलुरु में रखे गए 44 कांग्रेस विधायक 9 दिन बाद गुजरात लौटे
मतलब अहमद पटेल को आपका वोट मिलने की कोई गारंटी नहीं है?
देखिए जहां तक वोट की बात है ये एक विधायक की निजी संपत्ति है. मैं इसे ज़ाहिर नहीं करना चाहता हूं. ख़ास कर आपके सामने. संबंधित लोगों को ही मैं जानकारी दूंगा.
अहमद पटेल के साथ आपके क्या समीकरण हैं?
1977 में जब मैं जनता पार्टी के हिस्से से लोकसभा सांसद चुना गया तब अहमद भाई कांग्रेस से जुड़े हुए थे. तब से ही हम अच्छे दोस्त हैं. मैं उनके घर भी आया-जाया करता था. आज भी हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं. आज सुबह भी हमने फ़ोन पर चर्चा की. कल भी वो मुझे फ़ोन करेंगे. 8 तारीख़ के बाद भी हम एक-दूसरे से मिलेंगे. इसलिए कोई दिक़्क़त नहीं है. हमारा रिश्ता राजनीतिक दल से अलग है.
VIDEO: अहमद पटेल के समर्थन पर वाघेला ने नहीं किया कुछ भी साफ
क्या आप कांग्रेस विधायकों के संपर्क में हैं?
मैं पहले ही कह चुका हूं कि मेरा किसी राजनीतिक पार्टी से कोई वास्ता नहीं चाहे वह बीजेपी हो या कांग्रेस. नैतिकता के आधार पर मुझे कांग्रेस विधायकों से संपर्क नहीं करना चाहिए इसलिए मैं उनके संपर्क में नहीं हूं.
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क्या आप अहमद पटेल का समर्थन करेंगे?
देखिए हर वोटर अपने ख़ुद के वोट का मालिक होता है. अहमद भाई पटेल से मेरे अच्छे संबंध हैं, मैंने उनसे चर्चा की है. इसलिए क्या करना है और क्या नहीं करना है ये मेरे और अहमद पटेल का आपसी मामला है.
मतलब अभी तक कोई फ़ैसला नहीं हुआ है?
देखिए ये मेरी निजी सोच है, मेरा निजी फ़ैसला है. किसे वोट करना है, किसे नहीं करना है ये कोई सवाल नहीं है. ऐसा कुछ नहीं है कि मुझे आख़िरी वक़्त में फ़ैसला लेना है. मैंने पहले ही अपना मन बना लिया है.
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मतलब अहमद पटेल को आपका वोट मिलने की कोई गारंटी नहीं है?
देखिए जहां तक वोट की बात है ये एक विधायक की निजी संपत्ति है. मैं इसे ज़ाहिर नहीं करना चाहता हूं. ख़ास कर आपके सामने. संबंधित लोगों को ही मैं जानकारी दूंगा.
अहमद पटेल के साथ आपके क्या समीकरण हैं?
1977 में जब मैं जनता पार्टी के हिस्से से लोकसभा सांसद चुना गया तब अहमद भाई कांग्रेस से जुड़े हुए थे. तब से ही हम अच्छे दोस्त हैं. मैं उनके घर भी आया-जाया करता था. आज भी हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं. आज सुबह भी हमने फ़ोन पर चर्चा की. कल भी वो मुझे फ़ोन करेंगे. 8 तारीख़ के बाद भी हम एक-दूसरे से मिलेंगे. इसलिए कोई दिक़्क़त नहीं है. हमारा रिश्ता राजनीतिक दल से अलग है.
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क्या आप कांग्रेस विधायकों के संपर्क में हैं?
मैं पहले ही कह चुका हूं कि मेरा किसी राजनीतिक पार्टी से कोई वास्ता नहीं चाहे वह बीजेपी हो या कांग्रेस. नैतिकता के आधार पर मुझे कांग्रेस विधायकों से संपर्क नहीं करना चाहिए इसलिए मैं उनके संपर्क में नहीं हूं.
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