गुजरात सरकार ने यहां सत्र न्यायालय में दाखिल कांग्रेसी नेता हार्दिक पटेल के जमानत शर्त में राहत के अनुरोध संबंधी याचिका का विरोध किया है. पटेल ने अपनी याचिका में उस जमानत शर्त जो कि अनके राज्य से बाहर जाने पर रोक लगाती है, को अस्थायी रूप से स्थगित किये जाने का अनुरोध किया है.
गुजरात कांग्रेस इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष पटेल को 2015 के राजद्रोह मामले में निचली अदालत में पेश नहीं होने पर इस साल जनवरी में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद उन्हें अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बी जे गनात्रा ने इस शर्त पर जमानत दी थी कि उन्हें राज्य से बाहर जाने से पहले अदालत से स्वीकृति लेनी होगी.
यह भी पढ़ें: राष्ट्रपति से मिले विपक्ष के नेता आजाद, कहा कृषि विधेयक वापस लिए जाएं
पटेल ने पिछले सप्ताह न्यायाधीश गनात्रा के समक्ष एक याचिका दायर कर इस आधार पर 12 सप्ताह के लिए जमानत शर्त में छूट दिये जाने का अनुरोध किया था कि राज्य कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में अपने दायित्व को पूरा करने के लिए उन्हें अक्सर गुजरात से बाहर यात्रा करनी पड़ती है.
पटेल ने यह भी कहा है कि उन्हें शीर्ष न्यायालय में दाखिल अपने चार मुकदमों, जिनके जल्द ही सूचीबद्ध किए जाने के आसार हैं, के संबंध में अपने अधिवक्ता को जानकारी प्रदान करनी हैं. हालांकि मामले के जांच अधिकारी पुलिस निरीक्षक (साइबर क्राइम) आर जे चौधरी ने मंगलवार को सत्र अदालत में एक आवेदन दाखिल किया और विभिन्न आधारों पर पटेल की याचिका का विरोध किया.
सत्र न्यायालय जमानत की इन शर्तों में बदलाव के आग्रह वाली उनकी याचिका को पहले खारिज कर चुका है. पटेल को राजद्रोह मामले में अदालत में पेश नहीं होने पर अहमदाबाद अपराध शाखा ने जनवरी में गिरफ्तार किया था. गुजरात उच्च न्यायालय ने इस मामले में उन्हें जुलाई 2016 में जमानत दे दी थी.
निचली अदालत ने नवम्बर 2018 में उनके और अन्य के खिलाफ आरोप तय किये थे. पटेल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए थे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं