प्रतीकात्मक फोटो
अहमदाबाद:
गुजरात में बुधवार की रात से एक घटना चर्चा में है। देर रात राज्य के 4 आईपीएस अधिकारियों को एक एडीशनल डीजीपी के घर जाकर करीब 13 पुलिसकर्मियों को मुक्त कराना पड़ा था। यह मामला गुजरात के पुलिस कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट से जुड़ा है।
सुबह से देर रात तक गैरेज में बिठाया
एक सब इंस्पेक्टर और 12 रेडियो ओपरेटरों को बुधवार को सुबह 8 बजे उनके विभाग के एडिशनल डीजीपी विपुल विजोय ने अपने घर बुलाया था। वहां उन्हें घर के गैरेज में बैठने को कहा गया। उन्हें सिर्फ यही कहा गया कि साहब का आदेश है कि आपको बाहर नहीं जाना है। देर रात तक जब उन्हें बाहर नहीं जाने दिया गया तो घबराकर इन पुलिसकर्मीयों ने राज्य के पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर गुहार लगाई कि उन्हें उनके आला अधिकारी ने अपने घर पर बंधक बनाकर रखा है। उन्हें घर नहीं जाने दिया जा रहा है।
डीजीपी ने वरिष्ठ अफसरों को भेजा
इसके बाद मामला बेहद गंभीर हो गया। मीडिया भी देर रात गांधीनगर के करीब की कराई पुलिस एकेडमी में पहुंची, जहां उक्त अधिकारी का बंगला है। मीडिया को तो उनके घर में नहीं जाने दिया गया लेकिन मामला मीडिया की जानकारी में आने से राज्य के डीजीपी ने एक एडीजीपी, दो आईजी और एक एसपी को हालात को संभालने के लिए भेजा। देर रात में इन अधिकारियों की मौजूदगी में पुलिस कर्मियों को मुक्त कराकर घर भेजा गया।
पुलिस कर्मियों ने लगाया घर के काम कराने का आरोप
गैरेज में पूरा दिन काटने वाले पुलिस सब इंस्पेक्टर ने कहा है कि डीजीपी और उनकी पत्नी पिछले कुछ दिनों से लगातार आफिस के स्टाफ से घर के काम करवा रहे हैं जिससे सब परेशान हैं। बुधवार को तो परेशानी की इंतहा ही हो गई। उन्हें घर बुलाकर कहा गया कि दिन भर गैरेज में ही बैठना है, कोई बाहर नहीं जाएगा। देर रात में भी घर नहीं जाने दिया, इसलिए कंट्रोल रूम में फरियाद की।
एडीजीपी ने कहा, बंधक नहीं बनाया, सबक सिखाया
उधर एडीशनल डीजीपी विपुल विजोय का कहना है कि उनके मातहत ठीक से काम नहीं कर रहे थे, इसलिए उन्हें सबक सिखाने के लिए घर पर बुलाया गया था। उन्होंने बताया कि गुजरात में कम्युनिकेशन (संचार) नेटवर्क बहुत ही महत्वपूर्ण है। कई पुलिस स्टेशन इससे जुड़े हुए हैं। कई पुलिस स्टेशनों की लगातार पिछले कई दिनों से फरियाद थी कि उनके यहां नेटवर्क ठीक से काम नहीं कर रहा है। ऐसे में उनके विभाग की जिम्मेदारी है कि सब कुछ ठीक ठाक चले, लेकिन उनके मातहत काम नहीं कर रहे थे। सुबह आकर दिन में चाय-नाश्ता करके शाम को समय होने पर निकल जाया करते थे। इससे समस्या जस की तस बनी हुई थी।
विजोय ने कहा कि उन्होंने कर्मचारियों से कहा था कि काम ठीक से नहीं हो रहा है और अगर आफिस में काम नहीं कर पा रहे हो तो मेरे घर पर चलो और सभी फरियादों के बारे में मुझे अपडेट दो। इस काम के लिए उन्हें वहां दो वॉकी टॉकी भी दिए गए थे। लेकिन इन्हें काम नहीं करना है इसलिए इस तरह के आरोप लगा रहे हैं।
इस घटना को लेकर राज्य के गृह विभाग ने जांच बिठा दी है। लेकिन यह चर्चा पूरे पुलिस महकमे में फैली है कि अफसर मातहतों को घर पर बुलाकर कई बार काम करवाते हैं। इसे लेकर कार्रवाई होनी चाहिए। इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों इसका ध्यान रखा जाना चाहिए।
सुबह से देर रात तक गैरेज में बिठाया
एक सब इंस्पेक्टर और 12 रेडियो ओपरेटरों को बुधवार को सुबह 8 बजे उनके विभाग के एडिशनल डीजीपी विपुल विजोय ने अपने घर बुलाया था। वहां उन्हें घर के गैरेज में बैठने को कहा गया। उन्हें सिर्फ यही कहा गया कि साहब का आदेश है कि आपको बाहर नहीं जाना है। देर रात तक जब उन्हें बाहर नहीं जाने दिया गया तो घबराकर इन पुलिसकर्मीयों ने राज्य के पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर गुहार लगाई कि उन्हें उनके आला अधिकारी ने अपने घर पर बंधक बनाकर रखा है। उन्हें घर नहीं जाने दिया जा रहा है।
डीजीपी ने वरिष्ठ अफसरों को भेजा
इसके बाद मामला बेहद गंभीर हो गया। मीडिया भी देर रात गांधीनगर के करीब की कराई पुलिस एकेडमी में पहुंची, जहां उक्त अधिकारी का बंगला है। मीडिया को तो उनके घर में नहीं जाने दिया गया लेकिन मामला मीडिया की जानकारी में आने से राज्य के डीजीपी ने एक एडीजीपी, दो आईजी और एक एसपी को हालात को संभालने के लिए भेजा। देर रात में इन अधिकारियों की मौजूदगी में पुलिस कर्मियों को मुक्त कराकर घर भेजा गया।
पुलिस कर्मियों ने लगाया घर के काम कराने का आरोप
गैरेज में पूरा दिन काटने वाले पुलिस सब इंस्पेक्टर ने कहा है कि डीजीपी और उनकी पत्नी पिछले कुछ दिनों से लगातार आफिस के स्टाफ से घर के काम करवा रहे हैं जिससे सब परेशान हैं। बुधवार को तो परेशानी की इंतहा ही हो गई। उन्हें घर बुलाकर कहा गया कि दिन भर गैरेज में ही बैठना है, कोई बाहर नहीं जाएगा। देर रात में भी घर नहीं जाने दिया, इसलिए कंट्रोल रूम में फरियाद की।
एडीजीपी ने कहा, बंधक नहीं बनाया, सबक सिखाया
उधर एडीशनल डीजीपी विपुल विजोय का कहना है कि उनके मातहत ठीक से काम नहीं कर रहे थे, इसलिए उन्हें सबक सिखाने के लिए घर पर बुलाया गया था। उन्होंने बताया कि गुजरात में कम्युनिकेशन (संचार) नेटवर्क बहुत ही महत्वपूर्ण है। कई पुलिस स्टेशन इससे जुड़े हुए हैं। कई पुलिस स्टेशनों की लगातार पिछले कई दिनों से फरियाद थी कि उनके यहां नेटवर्क ठीक से काम नहीं कर रहा है। ऐसे में उनके विभाग की जिम्मेदारी है कि सब कुछ ठीक ठाक चले, लेकिन उनके मातहत काम नहीं कर रहे थे। सुबह आकर दिन में चाय-नाश्ता करके शाम को समय होने पर निकल जाया करते थे। इससे समस्या जस की तस बनी हुई थी।
विजोय ने कहा कि उन्होंने कर्मचारियों से कहा था कि काम ठीक से नहीं हो रहा है और अगर आफिस में काम नहीं कर पा रहे हो तो मेरे घर पर चलो और सभी फरियादों के बारे में मुझे अपडेट दो। इस काम के लिए उन्हें वहां दो वॉकी टॉकी भी दिए गए थे। लेकिन इन्हें काम नहीं करना है इसलिए इस तरह के आरोप लगा रहे हैं।
इस घटना को लेकर राज्य के गृह विभाग ने जांच बिठा दी है। लेकिन यह चर्चा पूरे पुलिस महकमे में फैली है कि अफसर मातहतों को घर पर बुलाकर कई बार काम करवाते हैं। इसे लेकर कार्रवाई होनी चाहिए। इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों इसका ध्यान रखा जाना चाहिए।
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