 
                                            - श्रद्धालुओं को खिलाए जानेवाले मुफ्त भोजन पर नहीं लगेगा जीएसटी
- लेकिन प्रसादम बनाने में काम आने वाले कुछ कच्चे माल पर लगेगा GST
- धार्मिक स्थलों पर CGST और SGST अथवा IGST, जो भी लागू हो, शून्य है
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                                                                                जयपुर: 
                                        धार्मिक संस्थानों द्वारा श्रद्धालुओं को खिलाए जानेवाले मुफ्त भोजन पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं वसूला जाएगा, लेकिन इसमें लगने वाली सामग्रियों जैसे चीनी, तेल, घी आदि पर जीएसटी लगेगा. सरकार ने मंगलवार को यह जानकारी दी. वित्त मंत्रालय ने यहां एक बयान में कहा, 'मीडिया में इस आशय की खबरें चलाई जा रही हैं कि धार्मिक संस्थानों द्वारा संचालित अन्न क्षेत्रों में दिए जाने वाले मुफ्त भोजन पर जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लगेगा. यह बात पूरी तरह से गलत है. इस तरह दिए जाने वाले मुफ्त भोजन पर कुछ भी जीएसटी नहीं देना होगा. इसके अलावा धार्मिक स्थलों जैसे मंदिरों, मस्जिदों, चर्च, गुरुद्वारों, दरगाह में दिए जाने वाले प्रसादम पर सीजीएसटी और एसजीएसटी अथवा आईजीएसटी, जो भी लागू हो, शून्य है.'
इसमें आगे कहा गया, 'लेकिन, प्रसादम बनाने में काम आने वाले कुछ कच्चे माल एवं उनसे जुड़ी सेवाओं पर जीएसटी लगेगा. इनमें चीनी, वनस्पति खाद्य तेल, घी, मक्खन, इन वस्तुओं की ढुलाई से जुड़ी सेवा इत्यादि शामिल हैं. इनमें से ज्यादातर कच्चे माल और इनसे जुड़ी सेवाओं के अनगिनत उपयोग हैं. जीएसटी व्यवस्था के तहत जब किसी विशेष उद्देश्य के लिए आपूर्ति की जाती है तो वैसी स्थिति में चीनी इत्यादि के लिए अलग टैक्स दर तय करना अत्यंत मुश्किल है'
मंत्रालय ने कहा कि चूंकि जीएसटी एक बहुस्तरीय कर है, इसलिए अंतिम उपयोग पर आधारित रियायतों का समुचित प्रबंधन मुश्किल है' यही कारण है कि जीएसटी में अंतिम उपयोग पर आधारित छूट नहीं दी गई हैं. अत: ऐसे में धार्मिक संस्थानों द्वारा मुफ्त वितरण के लिए तैयार किए जाने वाले प्रसादम अथवा भोजन में उपयोग होने वाले कच्चे माल अथवा इससे जुड़ी सेवाओं के लिए अंतिम उपयोग पर आधारित रियायत देना वांछनीय नहीं है'.
                                                                                 
                                                                                
                                                                                                                        
                                                                                                                    
                                                                        
                                    
                                इसमें आगे कहा गया, 'लेकिन, प्रसादम बनाने में काम आने वाले कुछ कच्चे माल एवं उनसे जुड़ी सेवाओं पर जीएसटी लगेगा. इनमें चीनी, वनस्पति खाद्य तेल, घी, मक्खन, इन वस्तुओं की ढुलाई से जुड़ी सेवा इत्यादि शामिल हैं. इनमें से ज्यादातर कच्चे माल और इनसे जुड़ी सेवाओं के अनगिनत उपयोग हैं. जीएसटी व्यवस्था के तहत जब किसी विशेष उद्देश्य के लिए आपूर्ति की जाती है तो वैसी स्थिति में चीनी इत्यादि के लिए अलग टैक्स दर तय करना अत्यंत मुश्किल है'
मंत्रालय ने कहा कि चूंकि जीएसटी एक बहुस्तरीय कर है, इसलिए अंतिम उपयोग पर आधारित रियायतों का समुचित प्रबंधन मुश्किल है' यही कारण है कि जीएसटी में अंतिम उपयोग पर आधारित छूट नहीं दी गई हैं. अत: ऐसे में धार्मिक संस्थानों द्वारा मुफ्त वितरण के लिए तैयार किए जाने वाले प्रसादम अथवा भोजन में उपयोग होने वाले कच्चे माल अथवा इससे जुड़ी सेवाओं के लिए अंतिम उपयोग पर आधारित रियायत देना वांछनीय नहीं है'.
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