प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
जिस सस्ती प्याज की खरीद और बिक्री में दिल्ली की केजरीवाल सरकार पर धांधली के आरोप लग रहे हैं, उस प्याज की स्कीम की अभी स्थिति क्या है? ये जानने के लिए हम दिल्ली की उन 280 राशन की दुकानों की तरफ बढ़ें जहां पर ये प्याज बिक रही है।
सबसे पहले मैं चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र के मजनू का टीला की एक राशन की दुकान पर पहुंचा। दुकान के बाहर ना तो सस्ते प्याज का बैनर था और ना ही दुकान के अंदर झांकने पर प्याज की कोई झलक मिल रही थी। दुकानदार बाबू राम गुप्ता ने बताया कि 12 सितम्बर के बाद उनकी दुकान पर कोई प्याज नहीं आया। आसपास मौजूद लोगों ने बताया की पिछले बार करीब 10 दिन पहले उन्होंने इस दुकान से 30 रुपये किलो प्याज खरीदी थी, लेकिन उसके बाद से अभी सस्ती प्याज का इंतज़ार ही है।
राशन की दुकान के ठीक सामने सब्ज़ी का ठेला लगाए मनोज कुमार ने बताया कि वो प्याज 60 रुपये किलो बेच रहे हैं। मनोज ने बताया कि जब इस राशन के दुकान पर प्याज आता था तो उस वक़्त वो केवल 30 रुपये किलो वाले प्याज को एक दर्शक की तरह खड़े देखते थे क्योंकि जब 30 में मिलेगा तो 60 रुपये वाले को कौन पूछेगा?
अब इसके बाद मैं नई दिल्ली के बिश्वम्भर दास मार्ग की एक राशन की दुकान पर पंहुचा। दुकान के बाहर 30 रुपये किलो प्याज की स्कीम का बैनर तो लगा था लेकिन वहां मौजूद दुकानदार रमेश कुमार ने बताया कि उनके यहां प्याज लगभग एक हफ्ते से नहीं आया।
अब इसके बाद मैं जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले हरी नगर आश्रम की एक राशन के दुकान में पहुंचा। पिछली बार भी जब मैं दिल्ली सरकार के सस्ते प्याज की इस स्कीम पर स्टोरी कर रहा था, तब केवल इसी राशन की दुकान प्याज मिला था।
दुकान पर पहुंचा तो पता चला कि इस बार तो यहां भी दो हफ्ते से प्याज का कोई अता पता ही नहीं है। दुकानदार पवन ने बताया कि 12 सितम्बर के बाद से यहां कोई प्याज सरकार की तरफ से नहीं आया। पवन ने बताया कि वो जब खाद्य आपूर्ति विभाग में फोन करते हैं, तो कहा जाता है कि गोदाम में प्याज नहीं है इसलिए नहीं आ रही है।
कुल मिलाकर बात ये है कि दिल्ली सरकार जिस सस्ते प्याज के स्कीम पर दिल्ली सरकार की इतनी फज़ीहत हो रही है कि वो सस्ती प्याज दिल्ली के लोगों को मिल ही नहीं रही है।
सबसे पहले मैं चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र के मजनू का टीला की एक राशन की दुकान पर पहुंचा। दुकान के बाहर ना तो सस्ते प्याज का बैनर था और ना ही दुकान के अंदर झांकने पर प्याज की कोई झलक मिल रही थी। दुकानदार बाबू राम गुप्ता ने बताया कि 12 सितम्बर के बाद उनकी दुकान पर कोई प्याज नहीं आया। आसपास मौजूद लोगों ने बताया की पिछले बार करीब 10 दिन पहले उन्होंने इस दुकान से 30 रुपये किलो प्याज खरीदी थी, लेकिन उसके बाद से अभी सस्ती प्याज का इंतज़ार ही है।
राशन की दुकान के ठीक सामने सब्ज़ी का ठेला लगाए मनोज कुमार ने बताया कि वो प्याज 60 रुपये किलो बेच रहे हैं। मनोज ने बताया कि जब इस राशन के दुकान पर प्याज आता था तो उस वक़्त वो केवल 30 रुपये किलो वाले प्याज को एक दर्शक की तरह खड़े देखते थे क्योंकि जब 30 में मिलेगा तो 60 रुपये वाले को कौन पूछेगा?
अब इसके बाद मैं नई दिल्ली के बिश्वम्भर दास मार्ग की एक राशन की दुकान पर पंहुचा। दुकान के बाहर 30 रुपये किलो प्याज की स्कीम का बैनर तो लगा था लेकिन वहां मौजूद दुकानदार रमेश कुमार ने बताया कि उनके यहां प्याज लगभग एक हफ्ते से नहीं आया।
अब इसके बाद मैं जंगपुरा विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले हरी नगर आश्रम की एक राशन के दुकान में पहुंचा। पिछली बार भी जब मैं दिल्ली सरकार के सस्ते प्याज की इस स्कीम पर स्टोरी कर रहा था, तब केवल इसी राशन की दुकान प्याज मिला था।
दुकान पर पहुंचा तो पता चला कि इस बार तो यहां भी दो हफ्ते से प्याज का कोई अता पता ही नहीं है। दुकानदार पवन ने बताया कि 12 सितम्बर के बाद से यहां कोई प्याज सरकार की तरफ से नहीं आया। पवन ने बताया कि वो जब खाद्य आपूर्ति विभाग में फोन करते हैं, तो कहा जाता है कि गोदाम में प्याज नहीं है इसलिए नहीं आ रही है।
कुल मिलाकर बात ये है कि दिल्ली सरकार जिस सस्ते प्याज के स्कीम पर दिल्ली सरकार की इतनी फज़ीहत हो रही है कि वो सस्ती प्याज दिल्ली के लोगों को मिल ही नहीं रही है।
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