वायु गुणवत्ता में सुधार के बाद दिल्ली और इसके पड़ोसी क्षेत्रों में प्रदूषण पर रोक के लिए लगाई गई ग्रैप नियमों में ढील दी गई है. ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चरण -4 और चरण -3 को रद्द करने का निर्णय लिया है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने सीएक्यूएम को चरण-दो प्रतिबंधों में जीआरएपी-तीन के कुछ अतिरिक्त उपाय शामिल करने का सुझाव दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि वायु गुणवत्ता सूचकांक 350 अंक को पार कर गया तो चरण तीन प्रतिबंध लागू किए जाएंगे और यदि एक्यूआई 400 को पार कर गया तो चरण-चार प्रतिबंध लागू किए जाएंगे. कोर्ट ने कहा कि पिछले चार दिन में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में एक्यूआई का स्तर 300 से अधिक नहीं हुआ.
ग्रैप के कितने फेज?
- ग्रेप-1 तब लगाया जाता है जब AQI 201 से 300 यानी खराब स्थिति में पहुंच जाती है.
- ग्रेप-2 को लागू तब किया जाता है जब AQI 301 से 400 तक पहुंच जाता है.
- हवा की गुणवत्ता गंभीर रूप से खराब होने (AQI 401 से 450) पर ग्रेप-3 लगाया जाता है.
- AQI 450 से ज्यादा होने पर ग्रेप-4 लागू किया जाता है.
ग्रैप 2 में रहती हैं कौन-कौन सी पाबंदियां?
ग्रैप के दूसरे चरण में कई तरह के प्रतिबंध लगाए जाते हैं. इसके तहत अस्पतालों, रेल और मेट्रो सेवाओं को छोड़कर अन्य जगहों पर डीजल जनरेटर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाया जाता है. रोजाना सड़कों की साफ-सफाई और पानी का छिड़काव किया जाता है. साथ ही कोयले और लकड़ी जलाने पर भी रोक रहती है. साथ ही फैक्ट्रियों में केवल उचित ईंधन का इस्तेमाल किया जाता है. लोगों को सार्वजनिक परिवहन का अधिकतम इस्तेमाल करने के लिए पार्किंग फीस बढ़ाई जाती है. साथ ही निर्माण स्थलों पर निरीक्षण बढ़ा दिया जाता है.
ग्रैप 3 में रहती हैं कौन-कौन सी पाबंदियां?
- BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल फोर व्हीलर गाड़ियों पर बैन
- दिल्ली में हल्के कमर्शियल गाड़ियों, डीजल ट्रकों की एंट्री पर रोक
- गैर-जरूरी कंस्ट्रक्शन, तोड़फोड़ गतिविधियों पर रोक.
- होटल-रेस्तरां के तंदूर में कोयले और लकड़ी के इस्तेमाल पर पाबंदी.
- सिर्फ इमरजेंसी के लिए ही डीजल जनरेटर सेट के इस्तेमाल की छूट.
- अस्वीकृत स्टैंडर्ड लिस्ट में शामिल फ्यूल पर चलने वाले इंडस्ट्रियल ऑपरेशन पर पाबंदी.
- धूल को दबाने के लिए सड़कों की सफाई और पानी का छिड़काव किया जाएगा.
- प्राइमरी क्लास के बच्चों की ऑनलाइन क्लास को लेकर राज्य सरकारें फैसला ले सकती हैं.
ग्रैप-4 में रहती हैं कौन-कौन सी पाबंदियां?
ग्रैप-4 में कारखानों, निर्माण कार्यों और यातायात पर कड़ी पाबंदियां लगाई जाती है. ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके. जब प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और औसत एक्यूआई 450 को पार कर जाता है तो ग्रैप का चौथा चरण लागू किया जाता है. ग्रैप-4 लागू होने के बाद प्रतिबंध सबसे ज्यादा और सबसे कड़े होते हैं.
ग्रैप-4 लागू होने के बाद दिल्ली में ट्रक, लोडर समेत अन्य भारी वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने की इजाजत नहीं होती है. हालांकि, जरूरी सामानों की आपूर्ति करने वाले वाहनों को प्रवेश दिया जाता है. सभी प्रकार के निर्माण और तोड़फोड़ कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. राज्य सरकार स्कूली छात्रों के लिए ऑनलाइन क्लास और सरकारी और प्राइवेट ऑफिस के लिए घर से काम करने पर भी निर्णय लेती हैं. ऑड-ईवन का निर्णय भी चौथे चरण में लिया जा सकता है, हालांकि यह जरूरी नहीं है.
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