नई दिल्ली:
नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परिवार के सदस्यों की 20 सालों तक जासूसी कराने से जुड़ी रिपोर्टों की किसी तरह की जांच कराने की सरकार की कोई योजना नहीं है।
गृह राज्यमंत्री हरिभाई पारथीभाई चौधरी ने आज लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया, 'जासूसी की जांच कराने का कोई प्रस्ताव नहीं है।' मंत्री ने बताया कि नेताजी से संबंधित खोसला और मुखर्जी आयोग की रिपोर्टों सहित बड़ी संख्या में फाइलों को पहले ही सार्वजनिक किया जा चुका है और इन्हें भारतीय अभिलेखागार में भेज दिया गया है।
चौधरी ने कहा, हालांकि बोस के बारे में कुछ फाइलें केंद्र सरकार और कुछ फाइलें पश्चिम बंगाल सरकार के पास हैं।
हाल ही में इन रिपोर्ट्स के सामने आने के बाद विवाद पैदा हो गया था कि 20 सालों तक नेताजी के परिवार के सदस्यों की निगरानी की गई और इसमें से ज्यादातर समय जवाहरलाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री पद पर आसीन थे।
गृह राज्यमंत्री हरिभाई पारथीभाई चौधरी ने आज लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया, 'जासूसी की जांच कराने का कोई प्रस्ताव नहीं है।' मंत्री ने बताया कि नेताजी से संबंधित खोसला और मुखर्जी आयोग की रिपोर्टों सहित बड़ी संख्या में फाइलों को पहले ही सार्वजनिक किया जा चुका है और इन्हें भारतीय अभिलेखागार में भेज दिया गया है।
चौधरी ने कहा, हालांकि बोस के बारे में कुछ फाइलें केंद्र सरकार और कुछ फाइलें पश्चिम बंगाल सरकार के पास हैं।
हाल ही में इन रिपोर्ट्स के सामने आने के बाद विवाद पैदा हो गया था कि 20 सालों तक नेताजी के परिवार के सदस्यों की निगरानी की गई और इसमें से ज्यादातर समय जवाहरलाल नेहरू देश के प्रधानमंत्री पद पर आसीन थे।
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