झारखंड के सम्मेद शिखरजी तीर्थ और गुजरात में भावनगर के पालीताणा तीर्थ को बचाने की मांग को लेकर आज भी जैन समुदाय ने प्रदर्शन किया. मुंबई के आजाद मैदान में समुदाय के लोग जुटे. ये लोग अपने तीर्थ स्थानों को पर्यटन स्थल बनाए जाने का विरोध कर रहा हैं. मुंबई के आज़ाद मैदान में जैन समाज की बड़ी रैली हो रही है. इससे पहले सूरत में जैन समुदाय के लोगों ने एक विशाल मौन रैली का आयोजन किया था. जिसमें मांग की गई कि झारखंड के गिरिडीह में सम्मेद शिखर जी और गुजरात में भावनगर के पालीताणा तीर्थ को बचाया जाए. दूसरी ओर रांची में भी जैन समाज के लोग सड़कों पर उतरे. इस बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने के मुद्दे पर जो सवाल उठ रहे हैं उस पर सरकार विचार करेगी.
जैन धर्म के लोगों का कहना है कि इसे पर्यटन क्षेत्र बनाया जाता है तो पर्यटकों के आने की वजह से यहां मांस, शराब का सेवन भी किया जाएगा. उनका कहना है कि हम अहिंसक हैं. जैन समाज के लिए अपने पवित्र तीर्थक्षेत्र में ऐसे कामों को बर्दाश्त नहीं करेंगे.
आपको बता दें कि झारखंड सरकार ने गिरिडीह ज़िले में सम्मेद शिखरजी और आसपास के इलाक़े को पर्यटन स्थल घोषित किया है. जिसका जैन समाज खुलकर विरोध कर रहा है. केन्द्र सरकार ने साल 2019 में सम्मेद शिखर को ईको सेंसेटिव ज़ोन घोषित किया था.
वहीं इसी मामले पर प्रमाण सागरजी महाराज ने एनडीटीवी संग बात और कहा कि सरकार सूचना को रद्द करे या संशोधित करे. हमने पर्यटक से दिक्कत है. क्योंकि तीर्थ क्षेत्र पवित्र भूमी है. यहां लोग शांति के लिए आते हैं. अगर लोग यहां आकर मौज- मस्ती करेंगे, तो यहां की पवित्रा कैसे होगी. हमें ऐसे विकास की जरूरत नहीं जिससे की हमारी भावनाएं और आस्था खंडित हो. पर्यटन स्थल के अलावा ओर तरह से भी विकास हो सकता है.
गुजरात के पलीताणा शहर के जैन मंदिर में तोड़फोड़ का मामला भी सामने आया है. जैन समुदाय ने गुजरात सरकार से मंदिर में तोड़फोड़ करने वाले आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है.
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