Edible Oil Price : खाद्य तेलों की महंगाई के बीच केंद्र सरकार ने कंपनियों को सख्त निर्देश दिए हैं. कंपनियों से कीमतों में दस रुपये प्रति लीटर तक की कंपनी लाने का निर्देश दिया गया है. खाद्य सचिव ने सुधांशू पांडेय ने बुधवार को हुई अहम बैठक के बाद ये जानकारी दी है. पांडेय ने ये भी बताया कि कंपनियों के एक ही ब्रांड के खाद्य तेल की एमआरपी पूरे देश में एक जैसी ही रखने की हिदायत दी गई है. खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने खाद्य तेल कंपनियों से खुदरा दामों में कमी लाने को लेकर बुधवार को एक बैठक की थी. दुनिया भर में खाद्य तेलों (cooking oils) की कीमतों में आई गिरावट के बावजूद देश में ऊंचे दामों को लेकर ये बैठक बुलाई गई थी. सरकार ने तेल कंपनियों से कहा है कि वो वैश्विक स्तर पर दामों में आई कमी का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाएं.
सॉल्वेंट एसोसिएशन ऑफ इंडियाज एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर बीवी मेहता ने कहा है कि वैश्विक स्तर पर दाम में प्रति टन 300-400 डॉलर की कमी आई है. लेकिन घरेलू बाजार में इसका प्रभाव देखने में करीब एक महीने लगेगा. आने वाले दिनों में भारत में भी खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट देखने को मिलेगी.
इससे पहले 22 जून को पांडेय ने कहा था कि खाद्य तेल बाजार में नरमी आना शुरू हो गई है, क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दामों में कमी और सरकार के समय रहते हस्तक्षेप के कारण रिटेल बाजार में ऐसा हुआ है. हालांकि पिछले महीने कई खाद्य तेल कंपनियों ने कीमतों में 10-15 रुपये प्रति लीटर की कमी की है. भारत हर साल अपनी खाद्य तेल की कुल जरूरत का 60 फीसदी आयात करता है. एसोसिएशन के अनुसार, वर्ष 2020-21 के विपणन वर्ष(नवंबर-अक्टूबर) के बीच खाद्य तेलों का आयात 131.3 लाख टन रहा है, जो काफी कम है.
सरकार ने खाद्य तेल कंपनियों से कहा, पैकेट में दर्शाए गए वजन की तुलना में कम मात्रा की उपभोक्ताओं की शिकायतों को दूर करें. खाद्य सचिव ने सभी खाद्य तेल एसोसिएशनों और बड़ी तेल फूड ऑयल कंपनियों की बैठक में मौजूदा ट्रेंड और वैश्विक स्तर पर कीमतों में आई नरमी का लाभ उपभोक्ताओं को न मिलने का मुद्दे पर चर्चा की. सरकार का कहना है कि पिछले एक हफ्ते में ही कीमतों में दस फीसदी की कमी वैश्विक स्तर पर खाद्य तेलों में आ चुकी है.
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