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This Article is From Apr 23, 2020

CII का अनुमान, कोविड-19 के खिलाफ 'जंग' लंबी चली तो 2020-21 में 0.9% तक रह जाएगी भारत की GDP

फिच रेटिंग्‍स ने गुरुवार को कहा कि वित्‍त वर्ष 2020-21 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर घटकर 0.8 प्रतिशत रह जाने का अनुमान है. कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू किए गए लॉकडाउन और वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण उसने यह अनुमान लगाया है.

CII का अनुमान, कोविड-19 के खिलाफ 'जंग' लंबी चली तो 2020-21 में 0.9% तक रह जाएगी भारत की GDP
CII ने वित्‍त वर्ष 2020-21 के लिए अपना अनुमान जारी किया है
नई दिल्ली:

कोरोना वायरस की महामारी के कारण भारत इस समय 49 दिन के लॉकडाउन का सामना कर रहा है. इस महामारी नेजनजीवन को ठप करने के साथ-साथ पहले से ही खराब हालत से गुजर रही देश की अर्थव्‍यवस्‍था को भी गर्त पहुंचाने का काम किया है. अर्थशास्त्रियों और उद्योग जगत के विशेषज्ञों ने लॉकडाउन के बीच अर्थव्‍यवस्‍था को लेकर निराशा से भरे संकेत दिए हैं. द कन्‍फेडरेशन ऑफ इंडिया इंडस्‍ट्री (CII) ने कहा है कि यदि कोरोना वायरस का फैलना जारी रहा तो देश की सकल विकास दर (GDP) 0.9 फीसदी के निराशाजनक स्‍तर तक पहुंच सकती है.

CII ने "ए प्लान फॉर इकोनॉमिक रिकवरी" शीर्षक की अपनी रिपोर्ट में, जीडीपी  0.9 प्रतिशत (संकुचन की स्थिति) से 1.5 प्रतिशत (आशावादी स्थिति) के बीच रहने का अनुमान लगाया है. उधर, फिच रेटिंग्‍स ने गुरुवार को कहा कि वित्‍त वर्ष 2020-21 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर घटकर 0.8 प्रतिशत रह जाने का अनुमान है. कोरोना वायरस महामारी के चलते लागू किए गए लॉकडाउन और वैश्विक आर्थिक मंदी के कारण उसने यह अनुमान लगाया है. फिच रेटिंग्स ने अपने वैश्विक आर्थिक अनुमानों में कहा कि भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के दौरान घटकर 0.8 प्रतिशत रह जाएगी जबकि बीते वित्त वर्ष के दौरान यह आंकड़ा 4.9 प्रतिशत (अनुमानित) था. हालांकि रेटिंग एजेंसी ने कहा कि हालांकि 2021-22 में वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रह सकती है. रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में लगातार दो तिमाहियों के दौरान नकारात्मक वृद्धि रहेगी. अप्रैल से जून तिमाही के लिए यह नकारात्मक 0.2 प्रतिशत और जुलाई से सितंबर तिमाही के लिए यह नकारात्मक 0.1 प्रतिशत रह सकती है. 

फिच का अनुमान है कि इसके अगली तिमाही में वृद्धि दर 1.4 प्रतिशत रह सकती है. वित्त वर्ष 2021 में वृद्धि दर में गिरावट की मुख्य वजह उपभोक्ता खर्च में कमी होगी, जो 5.5 प्रतिशत से घटकर 0.3 प्रतिशत रह जाएगी. रेटिंग एजेंसी ने वैश्विक जीडीपी पूर्वानुमानों में भी बड़ी कटौती की है. फिच रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री ब्रायन कुल्टन ने कहा कि विश्व जीडीपी के 2020 में 3.9 प्रतिशत गिरावट का अनुमान है, जिसका असर 2009 की मंदी के मुकाबले दोगुना होगा. 

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