भगोड़े अमृतपाल सिंह ने जारी किया वीडियो, पंजाब पुलिस ने और तेज किया जांच अभियान

इस वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस से जुड़े सूत्रों को कहना है कि अमृतपाल ने ये वीडियो इसलिए जारी किया है क्योंकि वो पंजाब में रहकर ही आत्मसमर्पण करना चाह रहा है. 

नई दिल्ली:

खालिस्तान समर्थक भगोड़े अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी पुलिस और अन्य एजेंसियों के लिए अभी भी पहेली बना हुआ है. पंजाब पुलिस अमृतपाल को ढूंढने के लिए अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी और सर्च ऑपरेशन चला रही है. इस बीच अमृतपाल सिंह ने एक वीडियो भी जारी किया है. इस वीडियो के सामने आने के बाद पुलिस से जुड़े सूत्रों को कहना है कि अमृतपाल ने यह वीडियो इसलिए जारी किया है क्योंकि वह पंजाब में रहकर ही आत्मसमर्पण करना चाह रहा है. 

इस वीडियो के सामने आने के बाद पंजाब पुलिस ने उन संभावित जगहों पर छापेमारी और जांच शुरू कर दी है जहां अमृतपाल सिंह के छिपे होने की संभावना ज्यादा है. सूत्रों के अनुसार अमृतपाल का यह वीडियो विदेश से अपलोड किया गया है. जिस हैंडल से इस वीडियो को भेजा गया है वो यूके का है. साथ ही वीडियो दो दिन पुराना लग रहा है. अमृतपाल ने जिस यूट्यूब एकाउंट से इस वीडियो को भेजा था उसे इस वीडियो के सामने आने के तुंरत बाद ही सरकार ने बैन कर दिया है. 

कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह पिछले 12 दिनों से फरार है और पुलिस के बड़े पैमाने पर जारी तलाशी अभियान के बावजूद पकड़ा नहीं जा सका है. उसने बुधवार को एक वीडियो जारी किया. यह वीडियो तब सामने आया जब पुलिस के सूत्रों ने दावा किया कि अमृतपाल सिंह पंजाब लौट आया है और आत्मसमर्पण करने की योजना बना रहा है.

अमृतपाल सिंह पिछले महीने एक पुलिस स्टेशन पर हथियारबंद भीड़ के साथ हमला करने के मामले में वांछित है. कहा जाता है कि जब वह होशियारपुर के गांवों से होते हुए अमृतसर की ओर यात्रा कर रहा था तब पंजाब पुलिस को इस बारे में सूचना मिली थी. सूत्रों ने बताया कि वह इस इलाके में मौजूद है.

पुलिस ने उसे और उसके साथियों, जो कि कई आपराधिक मामलों में आरोपी हैं, को पकड़ने के लिए मंगलवार की रात में होशियारपुर और आसपास के गांवों में घर-घर तलाशी अभियान चलाया. हालांकि अमृतपाल सिंह होशियारपुर के मरैयां गांव के एक गुरुद्वारे में एक इनोवा कार को छोड़कर खेतों में भागता हुआ दिखाई दिया. बाद में पुलिस ने कार बरामद कर ली.

संदिग्धों को पकड़ने के लिए सड़कों पर चेकपोस्ट बनाने और बैरिकेड्स लगाए जाने के साथ ही गांव में और उसके आसपास एक घेरे में तलाशी अभियान शुरू किया गया था.

सूत्रों ने कहा कि अमृतपाल सिंह सरेंडर करने से पहले एक अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी को इंटरव्यू देने की योजना बना रहा था, लेकिन उसे यब यह अहसास हुआ कि उसके बचने का कोई मौका नहीं है, उसने अपना इरादा बदल दिया.

सन 1980 में पंजाब में हुई हिंसा में हजारों लोग मारे गए थे. उस दौर को याद रखते हुए पंजाब पुलिस पर अमृतपाल और उनके समर्थकों को गिरफ्तार करने का भारी दबाव है.

अमृतपाल सिंह 18 मार्च को उसके और खालिस्तान समर्थक संगठन 'वारिस पंजाब दे' के सदस्यों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के बाद फरार हो गया था. इसके करीब तीन हफ्ते बाद उसने और उसके समर्थकों ने एक गिरफ्तार व्यक्ति की रिहाई के लिए अमृतसर के पास अजनाला पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया था. अमृतपाल जालंधर जिले में पुलिस के जाल से बच गया. उसने वाहन बदले र अपना रूप भी बदल लिया. 

मंगलवार को अमृतपाल सिंह का उसके प्रमुख सहयोगी पापलप्रीत सिंह के साथ एक नया वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया. इसमें वह बिना पगड़ी और मास्क के नजर आ रहा है.बिना तारीख वाला एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है जो दिल्ली के एक बाजार का बताया जा रहा है. इसमें भगोड़ा अमृतपाल काला चश्मा पहने हुए सड़क पर चलता हुआ दिखाई दे रहा है. उसके पीछे पापलप्रीत सिंह बैग लिए हुए चलता दिख रहा है.

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पंजाब पुलिस ने अभी तक इस फुटेज पर कोई टिप्पणी नहीं की है. दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या वीडियो में दिख रहे व्यक्ति अमृतपाल सिंह और उसका सहयोगी है?