अपनी मांगों को लेकर रेल रोकेंगे किसान
नई दिल्ली:
प्रदर्शनकारी किसान अपनी मांगों को लेकर आज रेल रोको प्रदर्शन कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि सरकार उनकी फसल के लिए उचित एमएसपी की मांग कर रहे हैं.
- संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक देशव्यापी "रेल रोको" विरोध का आह्वान किया है.
- केएमएम नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, किसान फिरोजपुर, अमृतसर, रूपनगर और गुरदासपुर जिलों सहित पंजाब में कई स्थानों पर रेलवे पटरियों पर बैठेंगे.
- भारती किसान यूनियन (एकता उग्राहन), भारती किसान यूनियन (दकौंदा-धनेर), और क्रांतिकारी किसान यूनियन - संयुक्त किसान मोर्चा का हिस्सा किसान निकाय - "रेल रोको" आंदोलन में भाग लेंगे.
- 2020-21 के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले एसकेएम ने गुरुवार को दिल्ली में 'किसान महापंचायत' की भी घोषणा की है. एसकेएम ने कहा कि 400 से अधिक किसान संगठन 'किसान महापंचायत' में भाग लेंगे.
- पंजाब के किसान, जो इसी तरह की मांगों को लेकर दिल्ली की ओर मार्च कर रहे थे, फिलहाल पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर विरोध प्रदर्शन जारी रखे हुए हैं.
- 13 फरवरी को पुलिस ने इन किसानों को पंजाब-हरियाणा सीमा पर रोक दिया. किसानों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प के दौरान पानी की बौछारें और आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया.
- किसानों ने महीनों तक चलने वाले राशन से भरी ट्रॉलियों के साथ अपना मार्च शुरू किया, और कहा कि वे तब तक वापस नहीं लौटेंगे जब तक कि उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं. पुलिस ने उनके वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए सड़कों पर कीलें और कंक्रीट के अवरोधक लगा दिए थे।
- पिछले बुधवार को एसकेएम और केएमएम ने अन्य राज्यों के किसानों और खेत मजदूरों को सरकार पर अपनी मांगें दबाने के लिए दिल्ली पहुंचने के लिए कहा था.
- प्रदर्शनकारी किसानों ने 18 फरवरी को केंद्र के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया. जिसमें कहा गया था कि सरकारी एजेंसियां पांच साल के लिए न्यूनतम सुरक्षा मूल्य (एमएसपी) पर दालें, मक्का और कपास की खरीद करेंगी.
- एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, उनकी अन्य मांगों में कृषि ऋण माफी और स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करना शामिल है.