प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र और कांग्रेस नेता अनिल शास्त्री ने शुक्रवार को मांग रखी कि राजग सरकार को उनके पिता की मृत्यु से संबंधित सभी दस्तावेजों को सार्वजनिक करना चाहिये. उनका कहना था कि ऐसा इसलिए भी किया जाना चाहिए ताकि जिन परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हुई उसको लेकर सभी तरह की शंकाएं दूर हो सकें. गौरतलब है कि अनिल शास्त्री ने यह बात एक किताब के विमोचन के मौक पर कही.शास्त्री ने इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि शास्त्रीजी की मौत से संबंधित सभी दस्तावेज सार्वजनिक हों.
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ध्यान हो कि लाल बहादुर शास्त्री की 11 जनवरी 1966 को ताशकंद में पाकिस्तान के साथ ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर करने के तुरंत बाद मृत्यु हो गई थी. यह कहा गया कि शास्त्री का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ, हालांकि उस समय उनके परिवार ने उनकी मौत में कुछ गड़बड़ होने का संदेह जताया था. अनिल शास्त्री ने कहा कि जिस तरीके से उनकी मौत हुई उसके बारे में काफी बातें कही गई हैं. कल भी दिल्ली हवाई अड्डे पर एक व्यक्ति मेरे पास आया और मुझसे पूछा कि कैसे मेरे पिता की मृत्यु हुई थी. परिवार के सदस्यों और आम जनता को अब भी संदेह है क्योंकि जिन परिस्थितियों में शास्त्रीजी की मृत्यु हुई वो असामान्य थीं. उन्होंने कहा कि 1977 में गठित राज नारायण समिति के निष्कर्षों को भी सार्वजनिक किया जाना चाहिये. इस समिति का गठन पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मृत्यु की जांच के लिये किया गया था.
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उन्होंने कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी तो उसकी बड़ी मांगों में से एक थी शास्त्रीजी की मौत से संबंधित दस्तावेजों को सार्वजनिक किया जाए. आज मैं एक नेता के तौर पर नहीं , बल्कि पुत्र के तौर पर यह कह रहा हूं. भाजपा पिछले चार साल से सत्ता में हैं , लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया है.
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हालांकि , हाल में सुभाष चंद्र बोस से संबंधित फाइलें सार्वजनिक की गई हैं. अनिल शास्त्री ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री इसपर फैसला कर सकते हैं और राज नारायण समिति के निष्कर्षों को सार्वजनिक करते हैं तो यह हमेशा के लिये शंकाओं को दूर सकता है. (इनपुट भाषा से)
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ध्यान हो कि लाल बहादुर शास्त्री की 11 जनवरी 1966 को ताशकंद में पाकिस्तान के साथ ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर करने के तुरंत बाद मृत्यु हो गई थी. यह कहा गया कि शास्त्री का निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ, हालांकि उस समय उनके परिवार ने उनकी मौत में कुछ गड़बड़ होने का संदेह जताया था. अनिल शास्त्री ने कहा कि जिस तरीके से उनकी मौत हुई उसके बारे में काफी बातें कही गई हैं. कल भी दिल्ली हवाई अड्डे पर एक व्यक्ति मेरे पास आया और मुझसे पूछा कि कैसे मेरे पिता की मृत्यु हुई थी. परिवार के सदस्यों और आम जनता को अब भी संदेह है क्योंकि जिन परिस्थितियों में शास्त्रीजी की मृत्यु हुई वो असामान्य थीं. उन्होंने कहा कि 1977 में गठित राज नारायण समिति के निष्कर्षों को भी सार्वजनिक किया जाना चाहिये. इस समिति का गठन पूर्व प्रधानमंत्री शास्त्री की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मृत्यु की जांच के लिये किया गया था.
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उन्होंने कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी तो उसकी बड़ी मांगों में से एक थी शास्त्रीजी की मौत से संबंधित दस्तावेजों को सार्वजनिक किया जाए. आज मैं एक नेता के तौर पर नहीं , बल्कि पुत्र के तौर पर यह कह रहा हूं. भाजपा पिछले चार साल से सत्ता में हैं , लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया है.
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हालांकि , हाल में सुभाष चंद्र बोस से संबंधित फाइलें सार्वजनिक की गई हैं. अनिल शास्त्री ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री इसपर फैसला कर सकते हैं और राज नारायण समिति के निष्कर्षों को सार्वजनिक करते हैं तो यह हमेशा के लिये शंकाओं को दूर सकता है. (इनपुट भाषा से)
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