अहमदाबाद:
मुठभेड़ों से जुड़े कई मामलों में आरोपी गुजरात के सेवानिवृत्त शीर्ष पुलिस अधिकारी डीजी वंजारा ने सोमवार को सूरत में एक नए विवाद को जन्म दे दिया, जब उन्होंने 'लौहपुरुष' सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा का माल्यार्पण कुछ अनोखी चीज़ों से किया।
अपने समर्थकों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में डीजी वंजारा को सरदार पटेल की प्रतिमा को माल्यार्पण करना था, लेकिन उन्होंने वहां मौजूद लोगों को हैरान करते हुए मूर्ति को फूलों की माला पहनाने के साथ-साथ एक और माला भी पहनाई, जिसमें एक कलम और एक खिलौना बंदूक पिरोई गई थी।
बाद में, इशरत जहां तथा सोहराबुद्दीन शेख के मुठभेड़ मामलों में फिलहाल जमानत पर चल रहे आरोपी डीजी वंजारा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वह दूसरी माला प्रतीकात्मक थी। उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल सच्चे राष्ट्रवादी थी, और उन्होंने बहुत-से राज्यों और रजवाड़ों को भारतीय झंडे के नीचे लाकर उसे एक करने का काम किया।
डीजी वंजारा के अनुसार, उनकी माला इस बात का प्रतीक थी कि कैसे अस्त्र और कलम का प्रयोग सकारात्मक रूप से राष्ट्रनिर्माण के लिए किया गया था।
अपने समर्थकों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में डीजी वंजारा को सरदार पटेल की प्रतिमा को माल्यार्पण करना था, लेकिन उन्होंने वहां मौजूद लोगों को हैरान करते हुए मूर्ति को फूलों की माला पहनाने के साथ-साथ एक और माला भी पहनाई, जिसमें एक कलम और एक खिलौना बंदूक पिरोई गई थी।
बाद में, इशरत जहां तथा सोहराबुद्दीन शेख के मुठभेड़ मामलों में फिलहाल जमानत पर चल रहे आरोपी डीजी वंजारा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वह दूसरी माला प्रतीकात्मक थी। उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल सच्चे राष्ट्रवादी थी, और उन्होंने बहुत-से राज्यों और रजवाड़ों को भारतीय झंडे के नीचे लाकर उसे एक करने का काम किया।
डीजी वंजारा के अनुसार, उनकी माला इस बात का प्रतीक थी कि कैसे अस्त्र और कलम का प्रयोग सकारात्मक रूप से राष्ट्रनिर्माण के लिए किया गया था।
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