दिगम्बर कामत पर एक अमेरिकी फर्म से रिश्वत लेने का आरोप है
पणजी:
प्रवर्तन निदेशालय ने लुईस बर्जर रिश्वत मामले के सिलसिले में गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिगम्बर कामत के आवास और अन्य स्थानों की तलाशी ली है। सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि सुबह 7 बजे से 5 अलग अलग ठिकानों पर गोवा पुलिस के साथ मिलकर छापे की कार्यवाही की गई है। इनमें से चार जगह गोवा के पणजी में हैं, वहीं एक मडगांव में है जहां कामत रहते हैं।
सूत्र ने बताया कुछ आर्थिक दस्तावेज़ ढूंढे जा रहे हैं और केस की कुछ फाइलें भी जो गायब हैं। हालांकि यह भी बताया गया है कि कामत के गिरफ्तार होने की संभावना काफी कम है। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री पर जल संवद्धन एवं निकासी लाइन परियोजना के लिए एक अमेरिकी फर्म से 1.2 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है। कामत को एक स्थानीय कोर्ट ने बुधवार को ही अंतरिम ज़मानत दी थी जिसके बाद ही पूर्व मुख्यमंत्री के निवास पर छापे पड़े हैं।
अदालत ने तकनीकी आधार पर जमानत देते हुए कहा था कि जांचकर्ता ठीक से नहीं बता पा रहे हैं कि आखिर कामत को गिरफ्तार करने की ज़रूरत क्यों है। खासतौर पर तब जब कामत के देश छोड़ने का खतरा नहीं है और वह पूछताछ के लिए लगातार पुलिस के सामने पेश हो रहे हैं।
साथ ही अदालत ने कामत की उस सफाई को भी खारिज किया जिसमें इस पूरे मामले को राजनीतिक प्रतिशोध का नाम दिया गया है। कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार करने से इंकार करते हुए कहा है कि इन आरोपों का सिलसिला अमेरिका से शुरु हुआ है। इससे पहले पूर्व मंत्री चर्चिल एलेमाओ भी रिश्वत कांड में कथित रुप से शामिल होने की वजह से पुलिस की गिरफ्त में हैं।
सूत्र ने बताया कुछ आर्थिक दस्तावेज़ ढूंढे जा रहे हैं और केस की कुछ फाइलें भी जो गायब हैं। हालांकि यह भी बताया गया है कि कामत के गिरफ्तार होने की संभावना काफी कम है। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री पर जल संवद्धन एवं निकासी लाइन परियोजना के लिए एक अमेरिकी फर्म से 1.2 करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है। कामत को एक स्थानीय कोर्ट ने बुधवार को ही अंतरिम ज़मानत दी थी जिसके बाद ही पूर्व मुख्यमंत्री के निवास पर छापे पड़े हैं।
अदालत ने तकनीकी आधार पर जमानत देते हुए कहा था कि जांचकर्ता ठीक से नहीं बता पा रहे हैं कि आखिर कामत को गिरफ्तार करने की ज़रूरत क्यों है। खासतौर पर तब जब कामत के देश छोड़ने का खतरा नहीं है और वह पूछताछ के लिए लगातार पुलिस के सामने पेश हो रहे हैं।
साथ ही अदालत ने कामत की उस सफाई को भी खारिज किया जिसमें इस पूरे मामले को राजनीतिक प्रतिशोध का नाम दिया गया है। कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार करने से इंकार करते हुए कहा है कि इन आरोपों का सिलसिला अमेरिका से शुरु हुआ है। इससे पहले पूर्व मंत्री चर्चिल एलेमाओ भी रिश्वत कांड में कथित रुप से शामिल होने की वजह से पुलिस की गिरफ्त में हैं।
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