असम के पूर्व पुलिस महानिदेशक शंकर बरुआ ने बुधवार को खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने यह जानकारी दी।
करोड़ों रुपये के चिटफंड घोटाले में बरुआ संदिग्ध थे। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले में पिछले महीने उनके आवास पर छापा मारा था।
बीमार होने के कारण बीते तीन दिनों से बरुआ एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। उन्हें अस्पताल से बुधवार सुबह 11.20 बजे छुट्टी मिली थी। घर आने के बाद उन्होंने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
पूर्व डीजीपी के एक पड़ोसी ने कहा कि घटना के बाद उनके परिजन उन्हें अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (नगर) आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा, "उनकी मौत हो चुकी है। घटनास्थल की हमने जांच की है। शव का पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा।"
1974 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी रहे बरुआ राज्य के डीजीपी पद से 2012 में सेवानिवृत्त हुए थे।
सीबीआई ने बीते 28 अगस्त को शंकर के घर के अलावा, असम के दो पूर्व मंत्रियों हिमांता विस्व शर्मा और अंजन शर्मा तथा गायक सदानंद गोगोई के घर समेत असम के 12 जगहों पर छापेमारी की थी।
पूर्व पुलिस महानिदेशक ने बारोवारी इलाके में स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
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