अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratishtha Ceremony) की तैयारियां जोरों पर हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या में मंदिर का निर्माण किया गया. 22 जनवरी को मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम है. विवादित ढांचे को गिराए जाने के बाद अदालत में लंबे समय तक चले मुकदमें के दौरान अदालत ने उस जगह पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को खुदाई कर के पता लगाने का आदेश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने भी ASI के सबूतों को बेहद अहम माना था. एनडीटीवी से बात करते हुए एएसआई के पूर्व निदेशक केके मोहम्मद ने गुरुवार को कहा कि सबसे पहले हमने ही बताया था कि वहां पर मंदिर है.
केके मोहम्मद ने कहा कि हम लोगों की तीन लोगों की टीम थी लेकिन मेरी भूमिका उसमें यह थी की मैं पहला व्यक्ति था जिसने खुलकर इस बात को कहा कि वहां मंदिर के सबूत हैं. उस समय यह बात कहना बेहद अहम था. मैंने बाद में भी अखबारों में लेख लिखकर इस बात को कहा था कि हमलोगों को वहां पर कई चीजें मिली है जो बताते हैं वहां मंदिर था. उन्होंने कहा कि मुझे यह कर के बहुत अच्छा लगा.
अयोध्या में हो रहे प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर केके मोहम्मद ने कहा कि मुझे निमंत्रण मिला है लेकिन में वहां स्वास्थ्य कारणों से नहीं जा पाऊंगा. वहां की जो जलवायु है वो मेरे लिए अभी ठीक नहीं है. इसलिए मैं वहां अभी नहीं जाऊंगा बाद में जाऊंगा ये बात मैंने उन्हें बता भी दिया है.
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