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This Article is From Aug 24, 2015

वन रैंक- वन पेंशन को लेकर अनशन पर बैठे कर्नल पुष्पिंदर की तबियत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

वन रैंक- वन पेंशन को लेकर अनशन पर बैठे कर्नल पुष्पिंदर की तबियत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती
कर्नल पुष्पिंदर सिंह 17 अगस्त से दिल्ली के जंतर मंतर पर अनशन पर बैठे थे
नई दिल्ली: पूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक-वन पेंशन लागू करने की मांग को लेकर आमरण अनशन कर रहे रिटायर्ड कर्नल पुष्पिंदर सिंह की तबियत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

हवालदार मेजर सिंह के साथ कर्नल पुष्पिंदर सिंह 16 अगस्त से दिल्ली के जंतर मंतर पर अनशन पर बैठे थे। उन्हें अभी सेना के रिसर्च एंड रेफरल हॉस्पिटल में भर्ती हुए हैं।

भारतीय सेना के ग्रेनेडियर्स रेजिमेंट से रिटायर्ड हुए कर्नल पुष्पिंदर की जगह अब हवालदार तेज सिंह अनशन पर बैठ गए हैं।

इससे पहले बीते दो महीनों से पूर्व सैनिक जंतर-मंतर के अलावा देश के कई हिस्सों में रिले भूख हड़ताल पर बैठे थे, पर इन्हें अब तक सिवाय आश्वासन के कुछ नहीं मिला और पूर्व सैनिकों की रिले भूख हड़ताल भी साथ साथ जारी है।

इन पूर्व सैनिकों को और ज्यादा निराशा हुई जब लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका ऐलान नहीं किया। बस इतना कहा कि सरकार इस मांग पर सैद्धांतिक तौर पर सहमत है और सभी पक्षों से इसको लेकर बातचीत चल रही है। पूर्व सैनिकों ने प्रधानमंत्री के इस बात को नकार दिया है और अपने आंदोलन को और तेज करने की बात कही है।

सरकार के सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि इसको लागू करने पर सरकारी खजाने पर 20,000 करोड़ का बोझ पड़ेगा, लेकिन पूर्व सैनिकों का कहना है इसमें केवल 8,300 करोड़ की खर्च आएगा। इसके लागू होने 22 लाख पूर्व सैनिकों और 6 लाख युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की पत्नियों को तुरंत फायदा होगा।

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