नई दिल्ली:
संसद में गुरुवार को एक बार फिर सरकार खाद्य सुरक्षा संशोधन बिल को पास कराने के लिए पूरा जोर लगाएगी। इस बीच विपक्ष के दबाव में सरकार ने बिल में दस संशोधन किए हैं।
एनडीटीवी इंडिया को संशोधन से जुड़े दस्तावेज मिले हैं जिनके मुताबिक अब खाद्य सामग्री के बदले नकदी देने का प्रावधान बिल में नहीं रहेगा। सरकार ने ये भी साफ कर दिया है कि गरीबों के लिए फिलहाल राशन का तय कोटा और नहीं बढ़ने जा रहा है।
केंद्र सरकार ने यह साफ कर दिया कि अब खाद्य बिल में अनाज न पहुंचा पाने पर नगद पैसा देने की बात नहीं होगी। विपक्ष के दबाव में सरकार ने ये संशोधन किया है। इसके अलावा सरकार ने जो 10 संशोधन लाने का फ़ैसला किया है, उनमें राज्यों को छह महीने की जगह सालभर की मोहलत देना है। अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों का कोटा न काटना है और आंगनबाड़ी से ठेकेदारों को बाहर रखने की बात है।
लेकिन, सरकार गरीबों के लिए राशन का कोटा बढ़ाने पर सहमत नहीं है। थॉमस का कहना है कि बीजेपी-लेफ्ट की डिमांड मंजूर नहीं की जा सकती। जिन अहम संशोधनों की बात हो रही थी उनमें बेघरों के लिए सामुदायिक रसोई जैसी योजना को बिल में जगह नहीं मिल पाई है।
विपक्ष ने 250 ले ज़्यादा संशोधन सुझाए हैं, लेकिन सरकार का सिरदर्द संशोधन नहीं सदन में रोज़ हो रहा हंगामा है।
एनडीटीवी इंडिया को संशोधन से जुड़े दस्तावेज मिले हैं जिनके मुताबिक अब खाद्य सामग्री के बदले नकदी देने का प्रावधान बिल में नहीं रहेगा। सरकार ने ये भी साफ कर दिया है कि गरीबों के लिए फिलहाल राशन का तय कोटा और नहीं बढ़ने जा रहा है।
केंद्र सरकार ने यह साफ कर दिया कि अब खाद्य बिल में अनाज न पहुंचा पाने पर नगद पैसा देने की बात नहीं होगी। विपक्ष के दबाव में सरकार ने ये संशोधन किया है। इसके अलावा सरकार ने जो 10 संशोधन लाने का फ़ैसला किया है, उनमें राज्यों को छह महीने की जगह सालभर की मोहलत देना है। अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों का कोटा न काटना है और आंगनबाड़ी से ठेकेदारों को बाहर रखने की बात है।
लेकिन, सरकार गरीबों के लिए राशन का कोटा बढ़ाने पर सहमत नहीं है। थॉमस का कहना है कि बीजेपी-लेफ्ट की डिमांड मंजूर नहीं की जा सकती। जिन अहम संशोधनों की बात हो रही थी उनमें बेघरों के लिए सामुदायिक रसोई जैसी योजना को बिल में जगह नहीं मिल पाई है।
विपक्ष ने 250 ले ज़्यादा संशोधन सुझाए हैं, लेकिन सरकार का सिरदर्द संशोधन नहीं सदन में रोज़ हो रहा हंगामा है।
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