
लालू प्रसाद यादव (फाइल फोटो)
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यह मामला दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच का है.
दुमका कोषागार से 13.13 करोड़ रुपये फर्जी तरीके से निकालेे गए
बिहार के दो पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और जगन्नाथ मिश्रा भी आरोपी हैं
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चारा घोटाले के दुमका कोषागार से तीन करोड़ तेरह लाख रुपये की अवैध निकासी से जुड़े मामले में सीबीआई की शिवपाल सिंह की विशेष अदालत ने फैसला एक दिन के लिए टाल दिया. शुक्रवार को सीबीआई अदालत पहले लालू की उस नयी याचिका पर फैसला सुनायेगी जिसमें उनके वकील आनंद ने चारा घोटाले के इस मामले में बिहार के तत्कालीन महालेखा परीक्षक, उपमहालेखा परीक्षक तथा महालेखाकार कार्यालय के निदेशक पर भी संलिप्तता का मुकदमा चलाने की मांग की है. अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 319 के तहत लालू ने इन तीनों को भी नोटिस जारी कर इस मामले में सह अभियुक्त बनाने का अनुरोध किया है.
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लालू यादव ने अपने वकील के माध्यम से पूछा है कि अगर इतना बड़ा घोटाला बिहार में हुआ तो उस दौरान 1991 से 1995 के बीच बिहार के महालेखाकार कार्यालय के अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गयी? लालू यादव ने यह याचिका बुधवार को ही दाखिल की थी लेकिन गुरुवार को इसे संशोधित कर एक बार फिर अदालत में पेश किया गया. इस पर बहस के बाद अदालत ने इस पर फैसले के लिए 16 मार्च की तिथि निर्धारित की है.
(इनपुट भाषा से...)
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