भारत ने शुक्रवार को कहा कि मालदीव में उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर(एएलएच) का संचालन करने वाला उसके सैन्यकर्मियों का पहला दल द्वीपीय राष्ट्र से वापस आ गया है. सैन्य दल का स्थान नागरिक तकनीकी विशेषज्ञों ने ले लिया है.
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपने देश से भारतीय सैन्यकर्मियों के पहले दल की वापसी के लिए 10 मार्च की समय सीमा तय की थी.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘‘एएलएच का संचालन करने वाली कर्मियों की पहली टीम की वापसी पूरी हो गई है. पहली खेप के तहत जिन लोगों को बदला जाना था, उन्हें बदलने का काम पूरा हो गया है.''
भारतीय सैन्यकर्मियों की वापसी के मुद्दे को लेकर गठित उच्च स्तरीय कोर समूह की दूसरी बैठक के बाद मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत 10 मई तक दो चरणों में अपने सभी सैन्यकर्मियों को बदल देगा.
कोर ग्रुप की दूसरी बैठक दो फरवरी को दिल्ली में हुई. दुबई में दिसंबर में सीओपी-28 शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू के बीच एक बैठक के बाद दोनों पक्षों ने कोर समूह के गठन का निर्णय लिया था.
मुइज्जू, जिन्हें व्यापक रूप से चीन समर्थक नेता के रूप में देखा जाता है, ने राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभालने के बाद कहा कि वह भारतीय सैन्यकर्मियों को अपने देश से बाहर निकालने के अपने चुनावी वादे को निभाएंगे.
मुइज्जू (45)ने पिछले साल सितंबर में हुए राष्ट्रपति पद के चुनाव में भारत के प्रति दोस्ताना रुख रखने वाले मौजूदा राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह को हराया था.
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