प्रतीकात्मक तस्वीर
मसूरी:
मसूरी में आईएएस ट्रेनिंग एकेडमी की सुरक्षा में तैनात पैरा मिलिट्री फोर्स के एक जवान ने शुक्रवार शाम अचानक फ़ायरिंग कर दी। इसमें उसके साथी की मौत हो गई है और एक अन्य जवान को भी गोली लगी है जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
फ़ायरिंग के बाद आरोपी कॉन्स्टेबल फ़रार हो गया। बताया जा रहा है कि उसके पास हथियार है। घटना के बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए आइटीबीपी ने IAS एकेडमी में गार्ड ड्यूटी के लिए तैनात अपनी पूरी यूनिट को बदल दिया है।
बताया जा रहा है कि एक दिन पहले ही अधिकारी ने उसे सजा सुनाई थी। आरोपी कांस्टेबल चंद्रशेखर लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में इस घटना को अंजाम देने के बाद एक राइफल और 70 कारतूस लेकर भाग गया।
भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) मसूरी में स्थित इस प्रतिष्ठित संस्थान की सुरक्षा का जिम्मा संभालती है। इस भयावह घटना की कहानी गुरुवार से शुरू होती है जब उप निरीक्षक सुरेंद्र ने शेखर को अनुशासन के मामले में एक दिन की सजा सुनाई थी।
माना जा रहा है कि वरिष्ठ अधिकारी के फैसले से नाराज कांस्टेबल ने शाम करीब छह बजे एक एलएमजी से सुरेंद्र पर गोली चला दी जिससे उनकी मृत्यु हो गयी। इस घटना में कांस्टेबल मोहम्मद आलम घायल हो गया।
आईटीबीपी के महानिदेशक कृष्ण चौधरी ने बताया कि उन्होंने घटना के मामले में कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिये हैं और इस यूनिट को इस काम से तत्काल हटाने का निर्देश दिया है।
अधिकारियों के अनुसार घटना का पता शाम को चला जब शेखर और एसआई के बीच कहासुनी सुनाई दी। इसके बाद शेखर ने एलएमजी उठा ली और अधिकारी पर कम से कम तीन गोलियां चला दीं। उसने आसपास खड़े कुछ और लोगों पर भी गोलियां चलाईं।
उन्होंने कहा कि गोलीबारी के बाद अकादमी में दहशत फैल गयी। हालांकि वरिष्ठ अधिकारियों ने जल्द ही हालात नियंत्रण में बताये। आईटीबीपी के वरिष्ठ कमांडर और स्थानीय पुलिस तथा प्रशासन के अधिकारी उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से अकादमी पहुंचे। अधिकारियों के अनुसार आरोपी को पकड़ने के लिए तलाश शुरू कर दी गयी है। वह 2012 में बल में शामिल हुआ था।
(इनपुट एजेंसी से)
फ़ायरिंग के बाद आरोपी कॉन्स्टेबल फ़रार हो गया। बताया जा रहा है कि उसके पास हथियार है। घटना के बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए आइटीबीपी ने IAS एकेडमी में गार्ड ड्यूटी के लिए तैनात अपनी पूरी यूनिट को बदल दिया है।
बताया जा रहा है कि एक दिन पहले ही अधिकारी ने उसे सजा सुनाई थी। आरोपी कांस्टेबल चंद्रशेखर लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी में इस घटना को अंजाम देने के बाद एक राइफल और 70 कारतूस लेकर भाग गया।
भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) मसूरी में स्थित इस प्रतिष्ठित संस्थान की सुरक्षा का जिम्मा संभालती है। इस भयावह घटना की कहानी गुरुवार से शुरू होती है जब उप निरीक्षक सुरेंद्र ने शेखर को अनुशासन के मामले में एक दिन की सजा सुनाई थी।
माना जा रहा है कि वरिष्ठ अधिकारी के फैसले से नाराज कांस्टेबल ने शाम करीब छह बजे एक एलएमजी से सुरेंद्र पर गोली चला दी जिससे उनकी मृत्यु हो गयी। इस घटना में कांस्टेबल मोहम्मद आलम घायल हो गया।
आईटीबीपी के महानिदेशक कृष्ण चौधरी ने बताया कि उन्होंने घटना के मामले में कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दे दिये हैं और इस यूनिट को इस काम से तत्काल हटाने का निर्देश दिया है।
अधिकारियों के अनुसार घटना का पता शाम को चला जब शेखर और एसआई के बीच कहासुनी सुनाई दी। इसके बाद शेखर ने एलएमजी उठा ली और अधिकारी पर कम से कम तीन गोलियां चला दीं। उसने आसपास खड़े कुछ और लोगों पर भी गोलियां चलाईं।
उन्होंने कहा कि गोलीबारी के बाद अकादमी में दहशत फैल गयी। हालांकि वरिष्ठ अधिकारियों ने जल्द ही हालात नियंत्रण में बताये। आईटीबीपी के वरिष्ठ कमांडर और स्थानीय पुलिस तथा प्रशासन के अधिकारी उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से अकादमी पहुंचे। अधिकारियों के अनुसार आरोपी को पकड़ने के लिए तलाश शुरू कर दी गयी है। वह 2012 में बल में शामिल हुआ था।
(इनपुट एजेंसी से)
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