वित्त मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से फंसे कर्ज की पहचान को पारदर्शी मानदंडों का पालन करने को कहा

वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि मार्च, 2023 में सकल एनपीए (गैर-निष्पादित संपत्तियां) 4.97 प्रतिशत और शुद्ध एनपीए 1.24 प्रतिशत के साथ पीएसबी की परिसंपत्ति गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. सीतारमण ने बैठक में जोखिम प्रबंधन और व्यापार आधार के विविधीकरण पर ध्यान केंद्रित करके बैंकों के नियामक ढांचे के पालन पर जोर दिया.

वित्त मंत्री ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से फंसे कर्ज की पहचान को पारदर्शी मानदंडों का पालन करने को कहा

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) के प्रमुखों से वृद्धि और लाभ की स्थिति बनाये रखने के लिये फंसे कर्जों की निष्पक्ष और पारदर्शी पहचान सुनिश्चित करने और मजबूत जोखिम प्रबंधन गतिविधियां अपनाने के लिए कहा. पीएसबी ने वित्त वर्ष 2022-23 में संयुक्त रूप से लगभग 1.05 लाख करोड़ रुपये का रिकॉर्ड शुद्ध लाभ कमाया, जो 2013-14 के शुद्ध लाभ का लगभग तीन गुना है.

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के शीर्ष प्रबंधन के साथ समीक्षा बैठक में सकारात्मक वृहत आर्थिक रुझान, बेहतर कारोबारी धारणा और सरकारी बैंकों के प्रदर्शन पर चर्चा हुई. ऋण, लाभप्रदता, संपत्ति गुणवत्ता, पूंजी पर्याप्तता आदि सभी प्रमुख वित्तीय मानदंड संकेत देते हैं कि पीएसबी के प्रदर्शन में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. उनके पास पर्याप्त पूंजी है और वे मजबूत हैं और उनकी वित्तीय स्थिति अच्छी है.

वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि मार्च, 2023 में सकल एनपीए (गैर-निष्पादित संपत्तियां) 4.97 प्रतिशत और शुद्ध एनपीए 1.24 प्रतिशत के साथ पीएसबी की परिसंपत्ति गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. सीतारमण ने बैठक में जोखिम प्रबंधन और व्यापार आधार के विविधीकरण पर ध्यान केंद्रित करके बैंकों के नियामक ढांचे के पालन पर जोर दिया.

उन्होंने कहा कि हाल के वैश्विक बैंकिंग क्षेत्र की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद व्यापार परिदृश्य में सुधार हो रहा है. वित्त मंत्री ने बैंकों से प्राथमिक क्षेत्र को ऋण (पीएसएल) मानदंडों को पूरा करने के लिए ग्रामीण, कृषि समेत अन्य संबंधित क्षेत्रों को ऋण में वृद्धि सुनिश्चित करने और सभी उप-श्रेणियों में पीएसएल लक्ष्य प्राप्ति सुनिश्चित करने का आग्रह किया.

वित्त मंत्री ने बैंक प्रमुखों को रेहड़ी पटरी वालों के लिये पीएम आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) के तहत रेहड़ी-पटरी वाले को ऋण देने के लक्ष्य को पूरा करने का भी निर्देश दिया.

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