मसूरी स्थित आईएएस ट्रेनिंग एकेडमी में रुबी चौधरी नाम की एक महिला खुद को ट्रेनी आईएएस ऑफिसर बताकर बीते करीब छह महीनों से रह रही थी।
मामले का भंडाफोड़ होने के बाद इस बारे में फर्जीवाड़े का केस दर्ज कराया गया है। बीते दिनों इस मामले के खुलासे के बाद से सुरक्षा को लेकर भयंकर गड़बड़ियां सामने आई हैं।
आरोपी महिला के पास न सिर्फ फर्जी आईडी कार्ड था, बल्कि वह ट्रेनिंग संस्थान में एक गार्ड के क्वार्टर में रहती थी। खुद को कपड़ा मंत्रालय से जुड़ा होने का दावा करते हुए रुबी चौधरी दूसरे ट्रेनी ऑफिसरों को मिलने वाली तमाम सुविधाओं का इस्तेमाल भी करती रही।
मामले के सामने आने के बाद अब कार्मिक मंत्रालय ने भी संस्थान से जवाब तलब किया है। दूसरी तरफ आरोपी महिला ने मीडिया से कहा है कि उसे नौकरी का लालच दिया गया था और मामले खुलने के बाद मुंह बंद रखने की हिदायत दी गई थी।
इधर, रुबी चौधरी का आरोप है कि उसे नौकरी देने के नाम पर पांच लाख रुपये लिए गए। आरोपी महिला के पास नैनीताल से जारी हुआ एक कार्ड था जिसमें उसे एसडीएम बताया गया था। सबसे हैरानी की बात ये है कि महिला एक सुरक्षा गार्ड के क्वार्टर में रहती थी और संस्थान की सारी सुविधाओं का इस्तेमाल करती थी।
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