
पूर्व मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर की फाइल फोटो
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जस्टिस जोसफ की नियुक्ति को रोकने के फैसले से देश में गलत संदेश जा रहा है
इससे संदेश जा रहा है जो सरकार के खिलाफ फैसला देगा उसकी खिलाफत होगी
न्यायपालिका लोकतंत्र का अहम स्तंभ है
सरकार का जस्टिस जोसेफ का नाम वापस भेजने पर कॉलेजियम के पास ये है विकल्प
ठाकुर ने कहा कि इसका गहरा असर न्यायपालिका खासतौर पर हाईकोर्ट के जजों पर पड़ेगा. यह मुद्दा सिर्फ जस्टिस के एम जोसफ का ही नहीं है. ये मामला न्यायपालिका से जुड़ा है. कॉलेजियम ने दो नाम भेजे, एक क्लियर किया और दूसरा वापस भेजा. सरकार का ये कदम सुप्रीम कोर्ट के ही आदेश के खिलाफ है. कॉलेजियम इस पर क्या कदम उठाएगा कह नहीं सकते, लेकिन इससे लोगों में न्यायपालिका पर विश्वास कम होगा.
कॉलेजियम से पुनर्विचार की मांग, सरकार ने वापस भेजा जस्टिस जोसेफ का नाम: सूत्र
न्यायपालिका लोकतंत्र का अहम स्तंभ है, यहां ऐसा होगा तो लोगों की न्यायपालिका को लेकर उम्मीदों का क्या होगा. इस मुद्दे पर जस्टिस लोढा से सहमत कि सरकार का ये कदम न्यायपालिका की स्वतंत्रता के दिल पर चोट है. हालांकि उन्होंने यह बात कैमरे पर बोलने से मना कर दिया है.
VIDEO: जस्टिस जोसेफ पर रस्साकशी
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