असम के मंत्रियों और शीर्ष सरकारी अधिकारियों के लिए मुफ्त बिजली के दिन अब लद गए हैं. राज्य के मुख्यमंत्री ने आज घोषणा की कि 1 जुलाई से उनके सहित सभी मंत्रियों और अधिकारियों को बिजली बिल देना होगा. मुख्यमंत्री डॉ. हिमंता बिस्वा सरमा ने रविवार को असम सचिवालय परिसर में आयोजित एक समारोह में जनता भवन सौर परियोजना, 2.5 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता ग्रिड से जुड़ी छत और जमीन पर लगे सौर पीवी प्रणाली का उद्घाटन किया. इस परियोजना से मासिक रूप से औसतन 3 लाख यूनिट बिजली प्राप्त होगी और निवेश राशि 12.56 करोड़ रुपये की वसूली 4 साल की अवधि के भीतर होने का अनुमान है. इससे मासिक बचत लगभग 30 लाख रुपये होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा, "आज सौर ऊर्जा परियोजना के शुभारंभ से असम सचिवालय परिसर देश का पहला नागरिक सचिवालय बन गया है, जो दैनिक खपत के लिए पूरी तरह से सौर ऊर्जा से उत्पन्न बिजली पर निर्भर है. 25 वर्षों के जीवनकाल के साथ, यह सौर संयंत्र सालाना 3060 मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन और अपने जीवनकाल के दौरान 76,500 मीट्रिक टन कार्बन उत्सर्जन खत्म कर देगा.''
We have undertaken an initiative to implement auto-disconnection of electricity at all Govt offices barring CM Sectt, Home and Finance Deptts at 8PM so that we can save electricity. This measure is already in place at 8,000 Govt offices, schools, etc across the State. pic.twitter.com/eJXe3Km71d
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) June 16, 2024
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने परियोजना के शुभारंभ को राज्य की हरित ऊर्जा को अपनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक क्षण बताया. उन्होंने कहा कि अब तक राज्य सरकार हर महीने लगभग 30 लाख रुपये का भुगतान असम पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड को कर रही है. हरित ऊर्जा में परिवर्तन से सरकार को समाज के सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित वर्गों के कल्याण के लिए अपने संसाधनों का उपयोग करने में मदद मिलेगी. मुख्यमंत्री ने प्रत्येक सरकारी कार्यालय को क्रमिक एवं चरणबद्ध तरीके से सौर ऊर्जा अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया. प्रारंभिक चरण में, उन्होंने मेडिकल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से सौर ऊर्जा में परिवर्तन करने का आह्वान किया.
भरने पड़ेंगे बिजली बिल
हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार की पहल के बारे में बताते हुए मुख्यमंत्री ने नामरूप में 25 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना का उल्लेख किया, जिसकी हाल ही में आधारशिला रखी गई थी. उन्होंने सोनितपुर जिले के भरचल्ला, धुबरी जिले के खुदीगांव और कार्बी आंगलोंग में 1,000 मेगावाट की सौर परियोजनाओं के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के पूरा होने के बाद राज्य को बाहर से बहुत कम ऊर्ज खरीदनी पड़ेगी. इन पहलों के कारण असम पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड ने इस वर्ष 60 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है. उन्होंने आगे कहा कि आगामी 1 जुलाई से मुख्यमंत्री, अन्य मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और सरकारी अधिकारियों के आधिकारिक आवासों में मुफ्त बिजली आपूर्ति का प्रावधान खत्म कर दिया जाएगा और उनसे बिजली बिलों का भुगतान करने के लिए कहा जाएगा.
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