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This Article is From Jan 31, 2023

"आर्थिक विकास दर 6.5% से ऊपर बढ़ने के बजाय 6% से नीचे गिरने की आशंका अधिक" : CEA अनंत नागेश्‍वरन

आम बजट 2023-24 को लेकर उन्‍होंने कहा कि इसमें आम आदमी को इनकम टैक्स में राहत मिलेगी या नहीं, इसके लिए हमें बजट पेश होने तक का इंतज़ार करना पड़ेगा.

नई दिल्‍ली:

केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण बुधवार को आम बजट- 2034-24 पेश करेंगी. आम बजट के पहले मंगलवार को जारी आर्थिक सर्वेक्षण में देश की इकोनॉमी की विकास दर 2023-24 में चालू वित्त वर्ष के 7 प्रतिशत की तुलना में 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है. हालांकि, इसके मुताबिक भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा. भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था को लेकर NDTV से विशेष बातचीत में वित्‍त मंत्रालय के मुख्‍य आर्थिक सलाहकार (CEA)वी अनंत नागेश्‍वरन ने कहा, "वित्तीय वर्ष 2022-23 में आर्थिक विकास दर 7 फ़ीसदी रहने का अनुमान है जबकि वित्‍तीय वर्ष 2023-24 में यह  6.5%  के आसपास रहने का अनुमान है. मोटे तौर पर 2023-24 में  आर्थिक विकास दर 6 से 6.8% के बीच रह सकती है. हालांकि चेतावनी भरे लहजे में उन्‍होंने कहा कि  विकास दर के इससे नीचे जाने का ख़तरा अधिक है. इसके 6.5% से ऊपर बढ़ने के मुक़ाबले 6% से नीचे गिरने की आशंका ज़्यादा है. अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में व्‍याप्‍त अनिश्चितता इसका कारण हो सकता है. 

आम बजट 2023-24 को लेकर उन्‍होंने कहा कि इसमें आम आदमी को इनकम टैक्स में राहत मिलेगी या नहीं, इसके लिए हमें बजट पेश होने तक का इंतज़ार करना पड़ेगा. नागेश्‍वरन ने कहा, "ग्रामीण इलाक़ों में महंगाई दर ज़्यादा है. ऐसे में सरकार ने फूड सब्सिडी बढ़ाने के साथ-साथ सामाजिक कल्याण की योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू किया है. गेहूं की क़ीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने पहल की है." टेक कंपनियों में छंटनी के दौर पर विचार व्‍यक्‍त करते हुए उन्‍होंने कहा कि टेक कंपनियों में छंटनी एक साइक्लिकल सेटबैक है जो प्राइवेट इकॉनोमीज़ में होता है. कंपनियों की कमाई में गिरावट आना इसके बड़ी वजह है. मौजूदा वित्तीय साल के पहले हाफ़ में प्राइवेट सेक्टर ने निवेश बढ़ाया है, इससे रोज़गार के नए अवसर पैदा होंगे.  

आर्थिक सर्वेक्षण के नतीजों को लेकर प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘आर्थिक सर्वेक्षण में भारत के विकास पथ व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है, जिसमें हमारे राष्ट्र के प्रति वैश्विक आशावाद, बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करना, कृषि, उद्योगों में विकास और भविष्य के क्षेत्रों पर जोर देना शामिल है.''

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