प्रतीकात्मक तस्वीर
ऊधम सिंह नगर:
उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में राष्ट्रीय कृमी मुक्ति दिवस के दिन पेट के कीड़े मारने वाली दवा खाने के बाद बीमार हुए दो दर्जन से अधिक बच्चों में सलोनी नाम की कक्षा चार की छात्रा की उपचार के दौरान मौत हो गयी।
बच्ची की मौत के बाद पिता राम प्रसाद सहित पूरा परिवार सदमे में है। पिता रामप्रसाद के अनुसर सलोनी ने स्कूल में कीड़े मारने वाली दवा खाई थी। गोली मीठी होने के चलते बच्ची ने 4 गोली खा ली जिसके बाद उसे सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गयी।
मृतक सलोनी के पिता का कहना है, 'सलोनी स्कूल में पढ़ती थी, बच्चों को कीड़ों वाली गोली मिली, मेरी बेटी ने 1 खाया या 4 पता नहीं, उल्टी करने लगी तो उसने कि उसने गोली खाई है। मुझे नहीं बताया कि कितनी खाई, इसने खाना नहीं खाया और गोली खाई।'
बीते दिनों राष्ट्रिय कृमि दिवस के मौके पर सम्पूर्ण राज्य में बच्चों के पेट के कीड़ों की दवाई खिलाने का अभियान चलाया गया था। जिसमें दो दर्जन बच्चे बीमार हो गए थे। उपचार के दौरान एक मासूम छात्रा प्रशासन की लापरवाही की भेंट चढ़ गयी। इस लापरवाही पर प्रशासन पर कई गंभीर सवाल खड़े होते हैं। सबसे बड़ा सवाल उन दोषियों के विरुद्ध आखिर अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। वहीं अस्पताल के एमएस ए.के. पांडे का कहना है कि उधम सिंह नगर के दो दर्जन बच्चों का उपचार अस्पताल में चल रहा है। सलोनी नाम की बच्ची की मौत किन कारणों से हुयी, इस बात का सही पता अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद पता चलेगा।
बच्ची की मौत के बाद पिता राम प्रसाद सहित पूरा परिवार सदमे में है। पिता रामप्रसाद के अनुसर सलोनी ने स्कूल में कीड़े मारने वाली दवा खाई थी। गोली मीठी होने के चलते बच्ची ने 4 गोली खा ली जिसके बाद उसे सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गयी।
मृतक सलोनी के पिता का कहना है, 'सलोनी स्कूल में पढ़ती थी, बच्चों को कीड़ों वाली गोली मिली, मेरी बेटी ने 1 खाया या 4 पता नहीं, उल्टी करने लगी तो उसने कि उसने गोली खाई है। मुझे नहीं बताया कि कितनी खाई, इसने खाना नहीं खाया और गोली खाई।'
बीते दिनों राष्ट्रिय कृमि दिवस के मौके पर सम्पूर्ण राज्य में बच्चों के पेट के कीड़ों की दवाई खिलाने का अभियान चलाया गया था। जिसमें दो दर्जन बच्चे बीमार हो गए थे। उपचार के दौरान एक मासूम छात्रा प्रशासन की लापरवाही की भेंट चढ़ गयी। इस लापरवाही पर प्रशासन पर कई गंभीर सवाल खड़े होते हैं। सबसे बड़ा सवाल उन दोषियों के विरुद्ध आखिर अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। वहीं अस्पताल के एमएस ए.के. पांडे का कहना है कि उधम सिंह नगर के दो दर्जन बच्चों का उपचार अस्पताल में चल रहा है। सलोनी नाम की बच्ची की मौत किन कारणों से हुयी, इस बात का सही पता अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद पता चलेगा।
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