जीजेएम कार्यकर्ताओं के उग्र प्रदर्शन के कारण दार्जीलिंग में पिछले कई से तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं
नई दिल्ली:
अलग राज्य की मांग को लेकर दार्जीलिंग में हो रहे आंदोलन के बीच केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को प्रदर्शनकारियों से हिंसा नहीं करने और किसी भी मुद्दे के समाधान के लिए बातचीत करने की अपील की. राजनाथ सिंह ने वहां रहने वाले लोगों से कहा कि हिंसा से उन्हें कभी कोई समाधान खोजने में मदद नहीं मिलेगी और उन्हें शांति के साथ रहना चाहिए.
उन्होंने कहा, सभी संबंधित पार्टियों और पक्षों को सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत के जरिये अपने मतभेदों और गलतफहमियों को सुलझाना चाहिए. राजनाथ ने कहा कि भारत जैसे लोकतंत्र में हिंसा से कभी कोई समाधान खोजने में मदद नहीं मिलेगी. हर मुद्दे को आपसी वार्ता से सुलझाया जा सकता है.
उन्होंने ट्वीट किया, 'मैं दार्जीलिंग और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से अपील करता हूं कि शांत रहें. किसी को हिंसा नहीं करनी चाहिए.' उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी बात की और वहां मौजूद हालात पर चर्चा की.
राजनाथ ने शनिवार को भी ममता से बात की थी और उनसे हरसंभव कदम उठाने को कहा था, ताकि इस पर्वतीय पर्यटन केंद्र में शांति बहाल हो सके, जहां लोग स्कूलों में बांग्ला को अनिवार्य भाषा के तौर पर लागू करने का विरोध कर रहे हैं.
अर्द्धस्वायत्तशासी गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) में शासन संभाल रहा गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) वहां अलग राज्य की मांग को लेकर आंदोलन चला रहा है. दार्जीलिंग रविवार को भी तनाव से घिरा रहा, जहां हजारों प्रदर्शनकारी जीजेएम के एक कार्यकर्ता के शव को लेकर चौकबाजार में जमा हुए और उन्होंने अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर नारेबाजी की. गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुई झड़पों के बाद पश्चिम बंगाल के इस पर्वतीय जिले में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है.
शहर के बीचोंबीच स्थित चौकबाजार में प्रदर्शनकारी काले झंडे और तिरंगा लेकर एकत्रित हुए. उन्होंने नारेबाजी की और दार्जीलिंग से तत्काल पुलसकर्मियों और सुरक्षा बलों को हटाने की मांग की.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने कहा, सभी संबंधित पार्टियों और पक्षों को सौहार्दपूर्ण माहौल में बातचीत के जरिये अपने मतभेदों और गलतफहमियों को सुलझाना चाहिए. राजनाथ ने कहा कि भारत जैसे लोकतंत्र में हिंसा से कभी कोई समाधान खोजने में मदद नहीं मिलेगी. हर मुद्दे को आपसी वार्ता से सुलझाया जा सकता है.
उन्होंने ट्वीट किया, 'मैं दार्जीलिंग और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से अपील करता हूं कि शांत रहें. किसी को हिंसा नहीं करनी चाहिए.' उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी बात की और वहां मौजूद हालात पर चर्चा की.
राजनाथ ने शनिवार को भी ममता से बात की थी और उनसे हरसंभव कदम उठाने को कहा था, ताकि इस पर्वतीय पर्यटन केंद्र में शांति बहाल हो सके, जहां लोग स्कूलों में बांग्ला को अनिवार्य भाषा के तौर पर लागू करने का विरोध कर रहे हैं.
अर्द्धस्वायत्तशासी गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) में शासन संभाल रहा गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) वहां अलग राज्य की मांग को लेकर आंदोलन चला रहा है. दार्जीलिंग रविवार को भी तनाव से घिरा रहा, जहां हजारों प्रदर्शनकारी जीजेएम के एक कार्यकर्ता के शव को लेकर चौकबाजार में जमा हुए और उन्होंने अलग गोरखालैंड राज्य की मांग को लेकर नारेबाजी की. गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुई झड़पों के बाद पश्चिम बंगाल के इस पर्वतीय जिले में बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है.
शहर के बीचोंबीच स्थित चौकबाजार में प्रदर्शनकारी काले झंडे और तिरंगा लेकर एकत्रित हुए. उन्होंने नारेबाजी की और दार्जीलिंग से तत्काल पुलसकर्मियों और सुरक्षा बलों को हटाने की मांग की.
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