Diwali 2024 : देशभर में दीवाली की अलग ही रौनक देखने को मिल रही है. सभी लोगों में दीवाली का उत्साह है लेकिन इस साल लोगों में यह भी एक कन्फ्यूजन है कि आखिर दीवाली किस दिन मनाई जाएगी? यानि कि लोग नहीं समझ पा रहे हैं कि आखिर दीवाली 31 अक्टूबर को मनानी है या फिर 1 नवंबर को मनानी है. कोई दीवाली 31 अक्टूबर 2024 को मना रहा है तो कोई 1 नवंबर 2024 को दीवाली का त्योहार मना रहा है. इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भी दीवाली का खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. दरअसल, रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह अयोध्या का पहला दीपोत्सव है. इस वजह से 28 लाख दीपों के साथ अयोध्या को आज सजाया जाएगा और नया विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा. इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ भी अयोध्या में मौजूद रहेंगे. हम यहां आपके लिए दीवाली की सारी बड़ी अपडेट्स लेकर आए हैं. यहां आप दीवाली पर लक्ष्मी पूजन से लेकर दीवाली शुभ मुहूर्त तक हर पल की अपडेट्स के लिए हमारे साथ जुड़े रहें.
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भव्य दीपोत्सव के लिए अयोध्या पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ
28 लाख दीपों के साथ अयोध्या नगरी को इस साल दीवाली के मौके पर सजाया जाएगा और इस खास मौके के साक्षी बनने के लिए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी अयोध्या पहुंच गए हैं. बता दें कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली दीवाली है और इस वजह से अयोध्या के लोगों में दीवाली को लेकर खास उत्साह देखने को मिल रहा है.
दीवाली पर यूपी सरकार ने 1 नंवबर को भी किया छुट्टी का ऐलान
इस दीवाली यूपी सरकार ने 1 नवंबर को भी सरकारी छुट्टी का ऐलान करते हुए लोगों को बंपर गिफ्ट दे दिया है. दरअसल, दीवाली इस साल 2 दिन मनाई जा रही है और इसी वजह से यूपी सरकार ने 1 नवंबर को भी छुट्टी की घोषणा की है. ऐसे में लोगों को गुरुवार, शुक्रवार और फिर वीकेंड के कारण शनिवार और रविवार की भी छुट्टी मिल जाएगी.
दीवाली पर क्यों खरीदी जाती है लक्ष्मी-गणेश जी की नई मूर्ति
हिंदू धर्म में दीवाली को नई शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. इस दिन धन और समृद्धि की देवी, मां लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है. भगवान गणेश जी जिन्हें बुद्धि और शुभता का देवता माना जाता है की भी इस दिन पूजा होती है. वह बाधता को दूर करने का आशीर्वाद देते हैं. सालों पहले मिट्टी से बनी मूर्ति का पूजन किया जाता था, जो खंडित हो जाती थीं और इस वजह से दीवाली के शुभ अवसर पर पुरानी मूर्तियों का विसर्जन कर नई मूर्तियां स्थापित की जाती थीं. यहां पढ़ें सारी डिटेल्स
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या की पहली दिवाली
अयोध्या राम मंदिर आज दीपोत्सव के लिए पूरी तरह से तैयार है. इस साल जनवरी में आयोजित रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद अयोध्या में यह पहला दीपोत्सव होगा और भाजपा के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए शहर को 28 लाख मिट्टी के दीयों से रोशन करने की योजना है.
दीवाली पूजन पर नहीं खरीदनी चाहिए ऐसे लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति
हम पूजा के लिए अक्सर सबसे अच्छी दिखने वाली लक्ष्मी जी और गणेश जी की मूर्ति ले आते हैं लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. इस मौके पर हमेशा लक्ष्मी जी की ऐसी मूर्ति खरीदनी चाहिए जिसमें वह कमल पर विराजमान हों और उनका दाहिना हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में हो और बाएं हाथ में कमल का फूल हो. साथ ही गणेश जी मूर्ति ऐसी होनी चाहिए जिसमें उनकी सूंड बाईं ओर हो क्योंकि इसे शुभ माना जाता है. साथ ही उनके हाथ में मोदक और उनके वाहन मूषक का होना भी जरूरी माना जाता है. डिटेल्स के लिए यहां क्लिक करें.
दीवाली पर क्यों होती लक्ष्मी-गणेश की पूजा
वैसे तो राम जी के वनवास से लौटने की खुशी में दीवाली का त्योहार मनाया जाता है लेकिन फिर भी इस दिन लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है. ऐसा इसलिए क्योंकि राम जी अयोध्या वापस आने के बाद अयोध्या में सुख, समृद्धि, संपन्नता और सौभाग्या भी लौट आई थी. इसी वजह से इस दिन लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है. अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें.